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कांग्रेस आलाकमान असंतुष्टों के आगे झुका, महीने के अंत में CWC की बैठक संभव

पार्टी आलाकमान से असंतुष्ट चल रहे जी-23 (G-23) के सदस्यों सहित कई दिग्गज कांग्रेसियों ने पंजाब समेत अन्य राज्यों में चल रही उथल-पुथल पर विचार-विमर्श के लिए कार्यसमिति की बैठक बुलाने की मांग की थी.

Updated on: 07 Oct 2021, 07:48 AM

highlights

  • असंतुष्ट जी-23 समूह लगातार कर रहा संगठनात्मक बदलाव की मांग
  • पंजाब में कैप्टन के इस्तीफे के बाद नए सिरे से उठे थे विरोध के स्वर
  • अंततः सोनिया गांधी ने सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने के दिए हैं संकेत

नई दिल्ली:

पंजाब और छत्तीसगढ़ की बढ़ती रार समेत कांग्रेस (Congress) पार्टी में चल रही अंदरूनी खींचतान के बीच इस महीने के अंत में कांग्रेस कार्यसमिति  की बैठक हो सकती है. पार्टी आलाकमान से असंतुष्ट चल रहे जी-23 (G-23) के सदस्यों सहित कई दिग्गज कांग्रेसियों ने पंजाब समेत अन्य राज्यों में चल रही उथल-पुथल पर विचार-विमर्श के लिए कार्यसमिति की बैठक बुलाने की मांग की थी. इस बीच सूत्रों ने जानकारी दी है कि महीने के अंत में बैठक आहूत की जा सकती है. यह अलग बात है कि अभी भी बैठक के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई है. सीडब्ल्यूसी बैठक आहूत करने को लेकर सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) भी पंजाब की हालिया कलह के बाद संकेत दे चुकी हैं.

पार्टी के स्थायी अध्यक्ष और संगठनात्मक बदलाव की चल रही मांग
गौरतलब है कि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद ही कपिल सिब्बल समेत मनीष तिवारी ने एक बार फिर आलाकमान को लेकर जोरदार बयानबाजी की थी. ऐसे में अब अंदरूनी सूत्र बता रहे हैं कि अक्टूबर के अंत में पार्टी के शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था सीडब्ल्यूसी की बैठक हो सकती है. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और जी -23 समूह का हिस्सा गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल संगठनात्मक सुधार की मांग कर रहे हैं. उन्होंने मांग की है कि पार्टी के आंतरिक मुद्दों पर चर्चा के लिए सीडब्ल्यूसी की तुरंत बैठक बुलाई जाए. पंजाब, असम समेत छत्तीसगढ़ जैसे कई राज्यों में कांग्रेस को अंदरूनी उथल-पुथल औऱ कलह से जूझना पड़ रहा है. पंजाब के हालिया घटनाक्रम के बाद तो जी-23 समूह और भी ज्यादा मुखर हो गया.

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अध्यक्ष नहीं होने पर भी निर्णय पर उठाए गए सवाल
गुलाम नबी आजाद ने इस संबंध में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी पत्र लिखकर सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने की मांग की. साथ ही उन्होंने कहा है कि पार्टी को सुझावों का स्वागत करना चाहिए न कि उन्हें दबाना चाहिए. उनके अलावा कपिल सिब्बल ने भी एक नियमित अध्यक्ष की अनुपस्थिति में पार्टी में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे. सिब्बल ने भी एक बातचीत की प्रक्रिया की मांग की थी, जहां सभी वरिष्ठ नेताओं को सुना जाए. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि अक्टूबर के अंत में सीडब्ल्यूसी की बैठक में अंदरूनी कलह के अलावा नियमित अध्यक्ष के चुनाव कार्यक्रम पर भी चर्चा हो सकती है.