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मल्‍लिकार्जुन खड़गे के आसानी से राज्‍यसभा पहुंचने पर भी कांग्रेस को लगने वाले हैं झटके पर झटके

जनता दल (एस) के संरक्षक एच डी देवेगौड़ा ने 19 जून को होने वाला राज्यसभा चुनाव कर्नाटक से लड़ने का फैसला किया है और इसके लिये वह मंगलवार को पर्चा दाखिल करेंगे. पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी.

Updated on: 08 Jun 2020, 04:18 PM

बेंगलुरू:

जनता दल (एस) के संरक्षक एच डी देवेगौड़ा ने 19 जून को होने वाला राज्यसभा चुनाव कर्नाटक से लड़ने का फैसला किया है और इसके लिये वह मंगलवार को पर्चा दाखिल करेंगे. देवेगौड़ा के पुत्र एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी. कुमारस्वामी ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कई राष्ट्रीय नेताओं एवं पार्टी विधायकों के आग्रह के बाद यह निर्णय किया है. कांग्रेस ने कर्नाटक से मल्‍लिकार्जुन खड़गे को उम्‍मीदवार बनाने का फैसला किया है. भविष्‍य में कांग्रेस की ओर से राज्‍यसभा में नेता सदन का पद खाली हो रहा है, जो खड़गे संभाल सकते हैं. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मल्‍लिकार्जुन खड़गे लोकसभा में नेता सदन की जिम्‍मेदारी संभाल चुके हैं. राज्‍यसभा में भी खड़गे को अगर यह जिम्‍मेदारी मिलती है तो आनंद शर्मा को बड़ा झटका लग सकता है, जो उपनेता सदन हैं और नेता सदन बनने का ख्‍वाब देख रहे हैं.

कुमारस्वामी ने ट्वीट करते हुए बताया, राज्यसभा में भेजने के लिए उन्हें राजी करना आसान काम नहीं था. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने पार्टी विधायकों एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी तथा कई अन्य राष्ट्रीय नेताओं के आग्रह पर राज्य सभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है. कल वे पर्चा दाखिल करेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, 'सभी के प्रस्ताव पर सहमति जताने के लिए श्री देवेगौड़ा का धन्यवाद .'

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कर्नाटक विधानसभा में जनता दल एस के पास 34 सीट है और अपने दम पर सीट जीतने की स्थिति में नहीं है और इसके लिये उसे कांग्रेस के समर्थन की आवश्यकता है.

मल्लिकार्जुन खड़गे के कर्नाटक से राज्यसभा में एंट्री के बीच पार्टी के लिए बुरी खबर आने वाली है. 19 जून के द्विवार्षिक राज्यसभा चुनावों के बाद उसके सदस्यों की संख्या भाजपा से आधी हो जाएगी. भाजपा के राज्‍यसभा में जहां 86 सदस्‍य हो सकते हैं तो सबकुछ योजनानुसार रहने पर भी कांग्रेस 43-44 सीटों पर आकर ठहर जाएगी.

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अगले साल की शुरुआत में गुलाम नबी आजाद की राज्‍यसभा सदस्‍यता खत्‍म हो रही है और उन्‍हें कांग्रेस कहीं और से जिताने की स्‍थिति में भी नहीं है. ऐसे में मल्‍लिकार्जुन खड़गे नेता प्रतिपक्ष का पद संभाल सकते हैं. फरवरी 2021 में आजाद का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग हो चुकी है और कांग्रेस उत्तर प्रदेश या उत्तराखंड या कही और से गुलाम नबी आजाद को राज्‍यसभा में भेजने की स्‍थिति में भी नहीं है.

मल्‍लिकार्जुन खड़गे के राज्‍यसभा जाने से पार्टी के उपनेता आनंद शर्मा को भी झटका लगने वाला है. आनंद शर्मा नेता सदन बनने का ख्‍वाब देख रहे हैं, लेकिन खड़गे उनकी राह में रोड़ा बन सकते हैं. दूसरी ओर, आनंद शर्मा ने इस बात से नाराजगी जताई है कि उसने दूसरी सीट के लिए अपने 17 अतिरिक्त वोट जद (एस) एचडी देवेगौड़ा को देने की तैयारी दिखाई है.