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राष्ट्रहित के लिए बहाल की जाए गांधी परिवार की SPG सुरक्षा, कांग्रेस की मांग

शर्मा ने कहा कि पार्टी के चारों नेताओं की व्यक्तिगत सुरक्षा, और जीवन को खतरा है और सरकार को पक्षपातपूर्ण राजनीति से ऊपर उठकर इन नेताओं की एसपीजी सुरक्षा बहाल करने की जरूरत है.

Updated on: 20 Nov 2019, 01:57 PM

नई दिल्ली:

गांधी परिवार और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा हटाने के केंद्र सरकार के निर्णय के खिलाफ कांग्रेस ने बुधवार को राज्यसभा में प्रदर्शन किया और सरकार से उनकी सुरक्षा बहाल करने की मांग की. पार्टी नेता आनंद शर्मा ने कहा कि चारों नेताओं की एसपीजी सुरक्षा बहाल किया जाना राष्ट्रहित में है. शर्मा ने कहा कि पार्टी के चारों नेताओं की व्यक्तिगत सुरक्षा, और जीवन को खतरा है और सरकार को पक्षपातपूर्ण राजनीति से ऊपर उठकर इन नेताओं की एसपीजी सुरक्षा बहाल करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, 'कृपया इससे ऊपर उठिए, समीक्षा कीजिए और बहाल कीजिए. यह राष्ट्रहित में है अन्यथा आज, कल और भविष्य में आपकी मंशा पर सवाल उठेंगे.' शर्मा ने नियम 267 के अंतर्गत सभापति एम. वेंकैया नायडू को एक नोटिस भी दिया. कांग्रेस पार्टी अपने चार शीर्ष नेताओं की एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने का मुद्दा उठा रही है. इसने लोकसभा में भी यह मुद्दा उठाते हुए सरकार के निर्णय की समीक्षा करने की मांग की थी.

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मोदी सरकार ने हालांकि अपना निर्णय बदलने से इंकार कर दिया है. मोदी सरकार का कहना है कि ऐसे निर्णय गृह मंत्रालय द्वारा खतरों की पूरी समीक्षा के आधार पर लिए जाते हैं और इसमें कोई राजनीतिक पक्षपात नहीं हुआ है. एसपीजी सुरक्षा बहाल करने की मांग करते हुए कांग्रेस पार्टी ने राज्यसभा में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री 10 साल तक कार्यकाल में रहे. सोनिया गांधी संप्रग की अध्यक्ष होने के साथ-साथ शहीद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की बहु और शहीद प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पत्नी हैं.

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आनंद शर्मा ने कहा, 'इसलिए, खतरे की संभावना का मूल्यांकन आसानी से किया जा सकता है. उनसे एसपीजी कवर हटने से उन पर खतरा बढ़ गया है.' उन्होंने कहा कि इसके अलावा अपने नेताओं की रक्षा करना देश की जिम्मेदारी होती है.

उन्होंने कहा, 'मुझे याद है कि जब संप्रग सत्ता में था, मैं कोई राजनीतिक बात नहीं कह रहा, लेकिन तब 10 साल तक अटल विहारी बाजपेयी समेत पूर्व प्रधानमंत्रियों की सुरक्षा से कोई छेड़खानी नहीं हुई. सभी सुरक्षा प्राप्त लोगों की सुरक्षा न कम की गई और न ही वापस ली गई.