logo-image

दिल्ली दंगा : क्या अमित शाह देंगे इस्तीफा? जानिए BJP ने इस पर क्या कहा

दिल्ली हिंसा के लिये केंद्र को जिम्मेदार ठहराने के कांग्रेस और सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा (BJP) ने बुधवार को कहा कि जिनके हाथ निर्दोष सिखों के ‘ खून से रंगे हों’, वे अब हिंसा रोकने में सफलता-असफलता की बात कर रहे हैं.

Updated on: 26 Feb 2020, 11:49 PM

दिल्ली:

दिल्ली हिंसा के लिये केंद्र को जिम्मेदार ठहराने के कांग्रेस और सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा (BJP) ने बुधवार को कहा कि जिनके हाथ निर्दोष सिखों के ‘ खून से रंगे हों’, वे अब हिंसा रोकने में सफलता-असफलता की बात कर रहे हैं. भाजपा का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि यह हिंसा एक सोचा-समझा षड्यंत्र है. भाजपा के कई नेताओं ने भड़काऊ बयान देकर नफरत और भय का माहौल पैदा किया. उन्होंने इसके लिये गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके इस्तीफे की मांग की.

शाह का इस्तीफा मांगना हास्यास्पद

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ गृह मंत्री पहले दिन से ही शांति बहाली के प्रयास में लगे हुए थे और पुलिस के साथ लगातर काम कर रहे हैं, निर्देश दे रहे हैं और मनोबल बढ़ाने में लगे हैं. ’’ शाह के इस्तीफे की कांग्रेस की मांग को हास्यास्पद बताते हुए जावड़ेकर ने कहा ‘‘कांग्रेस पूछ रही है कि अमित शाह कहां थे?

यह भी पढ़ें- दिल्ली हिंसा पर राजनीति नहीं करे कांग्रेस, कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद का बड़ा बयान

अमित शाह ने कल सभी दलों की बैठक ली, जिसमें आप पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस के नेता भी उपस्थित थे.’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की ऐसी टिप्पणियों से पुलिस का मनोबल गिरता है. जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिल्ली की हिंसा पर जो बयान दिया है, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है. ’’ उन्होंने कहा कि दिल्ली में हिंसा समाप्त हो रही है और सच्चाई सामने लाने के लिये जांच भी शुरु हो गई है.

यह भी पढ़ें- Delhi Violence: CBSE ने उत्‍तर-पूर्वी इलाके में टाली बोर्ड परीक्षा

‘‘हमारा विश्वास है कि पुलिस की जांच में सच्चाई सामने आएगी. ’’ भाजपा के वरिष्ठ नेता जावड़ेकर ने किसी का नाम लिये बिना कहा कि जांच में यह बात भी सामने आ जायेगी कि किसने पथराव की तैयारी की, किसने वाहनों में आग लगायी और कौन पिछले दो माह से लोगों को उकसा रहा था. उन्होंने कहा ‘‘अब हिंसा समाप्त हो रही है और सबका एक मात्र लक्ष्य है कि हिंसा पूर्ण रूप से रुके और स्थायी शांति हो. चर्चा के लिए तो संसद का सत्र है, वहां चर्चा कर सकते हैं.’’

'खून से रंगा है कांग्रेस का हाथ'

उन्होंने कहा कि अभी जांच की शुरुआत हुई है, ऐसे में सभी दलों की प्राथमिकता शांति स्थायी होना चाहिए. ‘‘लेकिन कांग्रेस इसके बजाय दोषारोपण करने लगी जिसकी हम भर्त्सना करते हैं. जिनके हाथ सिखों के खून से रंगे हों, वह यहां हिंसा रोकने में सफलता या असफलता की बात कर रहे हैं.’’ भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की यही राजनीति है इसलिए जनता ऐसी टिप्पणियों पर संज्ञान ही नहीं लेती.

यह भी पढ़ें- गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली दंगा को लेकर अधिकारियों की बुलाई बैठक, ये बन सकती है रणनीति

उन्होंने कहा ‘‘हम उस स्तर पर जाना नहीं चाहते कि कौन कहां है, क्योंकि फिर लोग पूछेंगे कि (राहुल) बाबा कहां हैं?’’ गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले समूहों के बीच संघर्ष ने साम्प्रदायिक रंग ले लिया था. उपद्रवियों ने कई घरों, दुकानों तथा वाहनों में आग लगा दी और एक-दूसरे पर पथराव किया. इन घटनाओं में बुधवार तक कम से कम 20 लोगों की जान चली गई और करीब 200 लोग घायल हो गए. जावड़ेकर ने तंज किया कि आज बालाकोट के पराक्रम को एक साल हो रहा है और उन्होंने बालाकोट पर भी ऐसे ही सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा ‘‘देश के प्रयासों में मदद करने के बजाय कुछ लोग केवल राजनीति करना चाहते हैं, इसकी हम भर्त्सना करते हैं.’’