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कांग्रेस का मोदी सरकार पर निशाना- नोटबंदी की तरह बिना योजना के लॉकडाउन हुआ, ये भी होगा नुकसान

कांग्रेस ने लॉकडाउन किए जाने पर कहा कि बिना योजना के और बिना सोचे-समझे फैसला लेने से नुकसान सिर्फ मौद्रिक नहीं होता है.

Updated on: 25 Apr 2020, 04:22 PM

नई दिल्ली:

देश में लगातार कोरोना वायरस (Corona Virus) के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. इस महामारी के चलते पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है. देश में लॉकडाउन को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस ने लॉकडाउन किए जाने पर कहा कि बिना योजना के और बिना सोचे-समझे फैसला लेने से नुकसान सिर्फ मौद्रिक नहीं होता है.

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कांग्रेस ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि नोटबंदी की तरह ही लॉकडाउन से भारत को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है. उन्होंने आगे कहा कि करीब 14 करोड़ से अधिक लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं. आने वाले सप्ताह में भी लाखों लोगों की नौकरी जाने की संभावना है, क्या बीजेपी सरकार के पास उनकी मदद करने की कोई योजना है?.

कोरोना संकट से निपटने के लिए जल्द राष्ट्रीय योजना बनाए सरकार: कांग्रेस

इससे पहले कांग्रेस ने शनिवार को सरकार से आग्रह किया कि कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर योजना बनाई जाए. पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने यह भी कहा कि लॉकडाउन के समय में अर्थव्यवस्था का लॉकआउट हो गया है और ऐसे में सरकार को कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री जी, आप सलाह दजिए, लेकिन कभी-कभी कांग्रेस पार्टी की सलाह भी ले लीजिए.

कांग्रेस नेता के मुताबिक, कोविड-19 के बाद नया हिंदुस्तान बनाना है. हम सब मिलजुलकर देश को आगे बढ़ाएं. उन मुद्दों पर ध्यान दें जो देश को आगे बढ़ाने वाले हैं. इनमें शिक्षा और स्वास्थ्य महत्वपूण मुद्दे हैं. प्रधानमंत्री बताएं कि इन पर उनकी योजना क्या है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर होने की बात करते हैं. अगर भारत को आत्मनिर्भर होना है, यह कैसे होगा? हम तो बाहर की कंपनियों पर निर्भर हैं. ज्यादातर कपंनियां तो बाहर हैं.

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सिब्बल ने कहा कि कच्चे तेल का दाम 20 डॉलर हो गया है और पेट्रोल एवं डीजल की कीमत वही बनी हुई है. आप इसका फायदा जनता को क्यों नहीं दे रहे हैं?. सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि रोकने का उल्लेख करते हुए उन्होंने सवाल किया कि यह कदम क्यों उठाया गया?. उन्होंने आपदा मोचन अधिनियम-2005 का हवाला देते हुए कहा कि इस कानून के मुताबिक एक राष्ट्रीय प्राधिकरण होता है जिसमें नौ मनोनीत सदस्य होते हैं इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं. इसके तहत एक राष्ट्रीय योजना बनानी होती है.

सिब्बल ने सरकार से आग्रह किया कि हमारी सलाह है कि जल्द से जल्द एक राष्ट्रीय योजना बनाइए. सिब्बल के अनुसार इस कानून के तहत लोगों को दी जाने वाली सुविधाएं भी लिखित हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया. उन्होंने मूडीज और कुछ अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के अनुमान का उल्लेख करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि भारत की विकास दर नकारात्मक रहेगी. इस स्थिति के लिए सरकार और प्रधानमंत्री को तैयार रहना चाहिए.

कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्यों के पास पैसे नहीं है और ऐसे में केंद्र को उन्हें धन मुहैया कराया जाना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि नॉर्थ ब्लॉक में बैठे नौकरशाह नीतियां बना रहे हैं, जबकि उन्हें राज्यों और आम लोगों की स्थिति के बारे में जानकारी नहीं है.