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कांग्रेस ने मोदी सरकार के प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के फैसले को बताया तुगलकी फरमान

कोरोना वायरस (Corona Virus) को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का कहना है कि हमारी पार्टी हर कदम पर मोदी सरकार (Modi Government) के साथ है. इसके बावजूद कांग्रेस कोरोना पर लिए गए सरकार के फैसले की आलोचना कर रही है.

Updated on: 01 May 2020, 06:05 PM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Corona Virus) को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का कहना है कि हमारी पार्टी हर कदम पर मोदी सरकार (Modi Government) के साथ है. इसके बावजूद कांग्रेस लॉकडाउन या कोरोना वायरस पर लिए गए सरकार के फैसले की आलोचना कर रही है. इसी क्रम में कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने शुक्रवार को विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को घर भेजने की व्यवस्था करने से जुड़े केंद्र के दिशानिर्देश को ‘तुगलकी फरमान’ करार दिया है.  

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कांग्रेस ने विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को घर भेजने की व्यवस्था करने से जुड़े केंद्र के दिशानिर्देश को ‘तुगलकी फरमान’ करार देते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने श्रमिकों के साथ क्रूर मजाक किया है और उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया है. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मजदूरों को वित्तीय सहायता देने का भी केंद्र से अनुरोध किया.

अभिषेक मनु सिंघवी ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा कि 29 अप्रैल को जारी केंद्र के आदेश में प्रवासी श्रमिकों को उनके घर भेजने की अनुमति दी गई है. इसमें कहा गया है कि उन्हें बसों से भेजा जाए. लेकिन यह नहीं बताया गया कि केंद्र सरकार क्या करेगी?. इसलिए, मैं इसे तुगलकी फरमान कहता हूं. यह एक क्रूर मजाक है.

सिंघवी ने दावा किया कि इससे मजदूरों के प्रति केंद्र सरकार का रवैया प्रदर्शित होता है. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में ट्रेन चलाई जानी चाहिए, क्योंकि इसमें सामाजिक दूरी का पालन करना आसान होगा और समय की भी बचत होगी. कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार यदि चाहे तो मजदूरों को भेजने के लिए विशेष विमानों की व्यवस्था भी कर सकती है.

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उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि मजदूरों की मदद के लिए केंद्र सरकार वित्तीय सहायता दे. यह वक्त की जरूरत है. सिंघवी के मुताबिक अमेरिका और मलेशिया सरीखे देश अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का एक बड़ा हिस्सा लोगों को इस संकट से उबारने पर खर्च कर रहे हैं, लेकिन भारत में ऐसा नहीं हो रहा है.