लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी की प्रचंड जीत दर्ज करते हुए 300 प्लस का आंकड़ा पार किया. इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी में हार के बाद कई बड़े बदलाव के लिए जोर आजमाइश का दौर शुरू हुआ. जहां एक तरफ कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) ने राहुल के अध्यक्ष पद से इस्तीफे का प्रस्ताव स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया है, लेकिन राहुल अभी भी इस पर अड़े हुए हैं. असम के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता तरुण गोगोई ने कहा कि राहुल नए पार्टी अध्यक्ष की मदद के लिए तैयार हैं. गोगोई ने बताया कि राहुल बीजेपी, नरेंद्र मोदी और संघ के खिलाफ विचारधारा की लड़ाई जारी रखेंगे.
वहीं दूसरी तरफ पार्टी में संसदीय दल के नेता को लेकर कांग्रेस संसदीय दल (CPC) की बैठक भी हुई. बैठक में संसदीय दल के नेता के तौर पर सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को फिर से चुना गया है. संसदीय दल की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने फिर दोहराया कि वह संवैधानिक संस्थाओं को ध्वस्त नहीं होने देंगे. इसके लिए इंच-इंच (Inch Inch Fight) की लड़ाई लड़ने को कांग्रेस तैयार है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश के गरीबों, शोषितों और अल्सपसंख्यकों के अधिकारों की लड़ाई लड़ना जारी रखेगी.
यह भी पढ़ें- कांग्रेस की हार पर नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, 'गिरते हैं शहसवार मैदान-ए-जंग में'...
कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष पद के लिए नहीं करेगी दावा
शनिवार को संसदीय दल (Parliament Committee) की बैठक के बाद कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष (Leader Of Opposition) पद के लिए दावा नहीं करेगी. ऐसा लगातार दूसरी बार होगा कि लोकसभा (Loksabha) को नेता प्रतिपक्ष नहीं मिलेगा. इसकी वजह यह है कि जरूरी संख्या बल जुटाने में कांग्रेस 17वीं लोकसभा में भी चूक गई है. पिछली लोकसभा में उसके 44 सांसद थे, तो इस बार 52 सांसद ही जीत कर पहुंचे हैं. नेता प्रतिपक्ष के लिए विपक्ष के पास लोकसभा की कुल सदस्य संख्या का 10 फीसदी संख्याबल होना जरूरी है.
मुख्य विपक्षी पार्टी कहलाने की दरकार
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने नियमित प्रेस कांफ्रेंस में भी स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी कोई मांग पार्टी (Congress) की तरफ से नहीं रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि 'यह सामान्य व्यवस्था है कि कुल सांसद संख्या में से 10% सीटें किसी एक पार्टी के पास होनी चाहिए. उसके बाद ही नेता विपक्ष का दर्जा मिल सकता है. संख्या बल के लिहाज से हमारी सीटें 2 कम हैं. हालांकि, यह बहुत कुछ सरकार (PM Modi) पर भी निर्भर करता है कि वह संख्या बल कम होने के बावजूद किसी एक पार्टी को मुख्य विपक्षी (Main Opposition Party) पार्टी के तौर पर दर्जा देना चाहती है या नहीं.'
Source : News Nation Bureau