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मल्ल्िाकार्जुन खड़गे और अभिषेक मनु सिंघवी (फाइल फोटो)
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मल्ल्िाकार्जुन खड़गे और अभिषेक मनु सिंघवी (फाइल फोटो)
कांग्रेस ने सीबीआई रिश्वतखोरी और फिर पूर्व निदेशक के आवास की कथित जासूसी को लेकर सरकार पर बड़ा हमला किया है. पार्टी ने कहा है कि राफेल घोटाले को रफा-दफा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब सीबीआई की जासूसी करानी शुरू कर दी है. पार्टी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और अभिषेक मनु सिंघवी ने एक बयान जारी कर सीबीआई को Controlled By Instruction, आईबी को Inference Boundless और सीवीसी को Crooked Violation of Code नाम दिया.
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दोनों नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राफेल-ओ-फोबिया से ग्रसित हैं. इस कारण वह सीबीआई की भी जासूसी कराने लगे हैं. कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि राफेल घोटाले को दबाने के लिए एक दागी अफसर को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि मोदी राज में सभी सरकारी एजेंसियों का राजनीतिकरण हो गया है. पार्टी ने कहा, ‘स्वायत्तता गई चूल्हे में. अराजकता-तानाशाही व राजनैतिक अतिक्रमण से CBI, CVC और ED ग्रसित हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रातों की नींद हराम हो गई है. रात में दो बजे वह सीबीआई निदेशक की छुट्टी करते हैं और उसके बाद उनकी जासूसी करवाते हैं. यह सब राफेल घोटाले पर पर्दा डालने के लिए किया गया है.
उन्होंने कहा कि उन्हें कोई आश्चर्य नहीं है कि गुजरात मॉडल का ढोल पीटने वाले नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी एक अफसर की जासूसी करवा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार अपनी कार्यप्रणाली के चलते जनता में अपना विश्वास खो चुकी है. दोनों नेताओं ने कहा कि देश की सबसे बड़ी और विश्वस्त जांच एजेंसी की यह हालत प्रधानमंत्री की उस बात का मखौल उड़ाती है, जिसमें वह कहते हैं कि न खाऊंगा और न खाने दूंगा. देश के लोगों को समझ में आ गया है कि मोदी सरकार ही संस्थानों को नुकसान पहुंचाने या कमजोर करने, मुद्दों को भटकाने काम करती है और भ्रष्ट अफसर इस सरकार के गुर्गे की तरह काम करते हैं. बीजेपी की चाल, चरित्र और चेहरा समझ में आ गया है. उन्होंने कहा कि आलोक वर्मा की जासूसी एजेंसियों के दुरुपयोग का बड़ा उदाहरण है. इससे जाहिर होता है कि किस तरह सस्ती महत्वकांक्षा के लिए आईबी जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग और उसमें हस्तक्षेप किया जा रहा है. यह लोकतंत्र के लिए काला अध्याय है और कांग्रेस पार्टी इसका पूरी जिम्मेदारी से आलोचना करती है.
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कांगेस के बयान में कहा गया है कि 2015 में अनिल सिन्हा के निदेशक रहते एम नागेश्वर राव सीबीआई में आए थे. तब स्पेशल यूनिट के हेड अमिताभ सिंह ढिल्लन ने उनके खिलाफ एडवर्स एंट्री दी थी, जिसे तब अनिल सिन्हा और फिर मोदी सरकार द्वारा नजरंदाज किया गया. आखिर क्यों?
राव के खिलाफ एक और आरोपों का जिक्र करते हुए दोनों ने कहा कि वह जब चेन्नई जोन के हेड थे. वहां की एक फर्म VGN Developers ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की जमीन खरीदी थी. इस सौदे में सरकारी कोष को भारी नुकसान हुआ था. राव अभी हाल में तमिलनाडु के डिप्टी सीएम ओ पन्नीरसेल्वम से मिले थे, जब सीबीआई गुटखा घोटाले की जांच कर रही थी. इसके अलावा राव पर 2016 में भुवनेश्वर में फायर सर्विसेज डायरेक्टोरेट में चीफ रहते हुए वित्तीय अनियमितता करने का आरोप है. कांग्रेस ने सरकार से इस दौरान कई सवाल भी दागे.
Source : News Nation Bureau