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फाइल फोटो
समाजवादी पार्टी पर अखिलेश का नियंत्रण होने के बाद अब उत्तर प्रदेश में चुनाव पूर्व गठबंधन होने की संभावना बढ़ गई है। दिल्ली में अगले हफ्ते कांग्रेस वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी और राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच होने वाली बैठक में इस गठबंधन पर मुहर लग सकती है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद की घोषित उम्मीदवार शीला दीक्षित अखिलेश यादव को खुद से बेहतर मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बताते हुए अपनी दावेदारी वापस करने का ऐलान कर चुकी है। शीला दीक्षित के इस बयान को गठबंधन के संकेतों के तौर पर देखा गया था।
सपा परिवार में चल रही उठापटक के बीच कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मुलायम सिंह से मुलाकात की थी। तब अखिलेश ने भी कहा था कि उन्होंने गठबंधन का फैसला नेताजी पर छोड़ दिया है।
अखिलेश चुनाव पूर्व गठबंधन के पक्ष में शुरू से ही रहे हैं। अखिलेश कह चुके हैं कि सांप्रदायिक शक्तियों को हराने के लिए उन्हें समान विचारधारा वाली पार्टी से हाथ मिलाने में परहेज नहीं होगा। हालांकि बाद में जब शिवपाल और अखिलेश के बीच लड़ाई बढ़ी तो समाजवादी पार्टी ने सभी सीटों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया, जिसके जवाब में अखिलेश ने भी 225 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी।
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यादव परिवार में अखिलेश के कद में आई मजबूती ने गठबंधन की संभावनाओं को जिंदा कर दिया है। अखिलेश और राहुल के बीच 9 जनवरी को मुलाकात होने की संभावना है। इसी दिन चुनाव आयोग में समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर अखिलेश और मुलायम गुट की दावेदारी तय होनी है।
माना जा रहा है कि राहुल और अखिलेश की बैठक में प्रियंका गांधी भी मौजूद होंगी। खबरों के मुताबिक कांग्रेस गठबंधन के तहत उत्तर प्रदेश में करीब 100 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।
चुनाव आयोग उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में चुनाव की घोषणा कर चुका है। यह बात साफ हो चुकी है कि अगर समाजवादी पार्टी में चल रहा झगड़ा अगर शांत नहीं हुआ तो कांग्रेस अखिलेश की अगुवाई वाले धड़े के साथ हाथ मिला सकती है।
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अखिलेश और मुलायम के साथ होने का फायदा गठबंधन को मिलेगा। इस गठबंधन को सबसे ज्यादा मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन मिल सकता है।
मायावती ने 401 विधानसभा सीटों पर 97 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देने का फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश में यह अब तक किसी पार्टी की तरफ से दी गई सबसे ज्यादा टिकट है।
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HIGHLIGHTS
- 9 जनवरी को दिल्ली में अखिलेश यादव और राहुल गांधी के बीच बातचीत में बन सकती है गठबंधन पर बात
- पार्टी का नैशनल प्रेसिडेंट बनने के बाद अखिलेश ने संभाली पार्टी की कमान, गठबंधन के हिमायती रहे हैं अखिलेश
Source : News Nation Bureau