चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग लाने के बारे में कांग्रेस फिलहाल दुविधा की स्थिति में है। पार्टी का कहना है कि वो इस संबंध में सभी दलों से बातचीत करके कोई फैसला लेगी।
कांग्रेस जहां सीपीएम महासचिव के सवाल को महत्वपूर्ण बता रही है वहीं वो इसके राजनीतिकरण के खिलाफ भी है। पार्टी फिलहाल इस मुद्दे पर विपक्षी दलों की स्थिति टटोलने की कोशिश कर रही है।
हालांकि वामदल इस मसले पर चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी कर रहे हैं और इसके लिये सभी विपक्षी दलों से बातचीत भी कर रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने कहा कि पार्टी कभी नहीं चाहेगी कि न्यायपालिका को राजनीति में घसीटा जाए लेकिन उन्होंने माना कि सीपीएम ने महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है।
उन्होंने कहा, 'ये काफी महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिसे वामदलों ने उठाया है। इस पर राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष के नेता सबसे चर्चा करेंगे।'
उन्होंने कहा कि पार्टी इस संबंध में सभी दलों के नेताओं से बातचीत के बाद ही फैसला लेगी।
सीताराम येचुरी ने कहा था कि चीफ जस्टिस के खिलाफ सीपीएम बजट सत्र के दौरान महाभियोग लाएगी। इसके साथ ही उसने इसके लिये कोशिशें भी जारी कर दी थी।
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येचुरी ने एनसीपी के नेता तारिक अनवर और जेडीयू से निकाले गए शरद यादव से भी मुलाकात कर इस संबंध में चर्चा की थी। उन्होंने कहा कि चार जजों की तरफ से उठाए गए मुद्दे को न्यायपालिका सुलझाने में असफल रही है। ऐसे में विधायिका और कार्यपालिका को साथ आना पड़ेगा।
कांग्रेस ने कहा है कि वो न्यायपालिका के राजनीतिकरण के खिलाफ है। खासकर इतने बड़े ओहदे को लेकर और पार्टी अपनी इस स्थिति को बरकरार रखेगी।
उन्होंने कहा, 'हम...इस देश की न्यायपालिका का राजनीतिकरण नहीं करेंगे। ये लोकतंत्र का महत्वपूर्ण खंभा है और न हमने इसका राजनीतिकरण किया है और न ही कोई मुद्दा उठाया है। हम दोहराना चाहेंगे कि इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहते।'
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Source : News Nation Bureau