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विपिन रावत( Photo Credit : फाइल फोटो)
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे हिंसक प्रदर्शन को लेकर आर्मी चीफ विपिन रावत के बयान पर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने निशाना साधा है. विपन रावत ने हिंसा का समर्थन कर रहे नेताओं को नसीहत दी थी. अब पी. चिदंबरम ने कहा है कि डीपीजी और सेनाध्यक्ष को सरकार का समर्थन करने के लिए कहा जा रहा है, यह शर्म की बात है. जनरल रावत से अपील करते हैं, आप सेना के प्रमुख हैं और अपने काम से काम रखें. यह सेना का काम नहीं है कि हम राजनेताओं को बताएं कि हमें क्या करना चाहिए, क्योंकि यह हमारा काम नहीं है कि हम आपको बताएं कि युद्ध कैसे लड़ा जाए.
#WATCH P Chidambaram: DGP&Army General are being asked to support govt, it's a shame. Let me appeal to Genaral Rawat,you head the Army&mind your business. It's not business of Army to tell politicians what we should do, just as it's not our business to tell you how to fight a war pic.twitter.com/MgjkeSPBPn
— ANI (@ANI) December 28, 2019
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इससे पहले CAA और NPR पर देश में जिस तरह का माहौल है, उस पर थल सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को देश के नेताओं को सही नेतृत्व की परिभाषा नए सिरे से सिखाई है. उन्होंने बगैर लाग-लपेट के कहा है कि युवाओं और आम लोगों को जिस तरह से हिंसा के रास्ते पर ढकेला जा रहा है, वह किसी भी लिहाज से सही और सकारात्मक नेतृत्व नहीं है.
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हिंसा का रास्ता गलत
एक कार्यक्रम में बोलते हुए जनरल बिपिन रावत ने कहा, 'नेता वह नहीं हैं, जो लोगों को गलत दिशा की ओर लेकर जाएं. जैसा हम आज बड़े पैमाने पर देख रहे हैं. देश के कॉलेज, यूनिवर्सिटी में छात्र-छात्राओं समेत आम लोगों को शहरों में हिंसा फैलाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इनमें कुछ विद्यार्थी भी शामिल हैं. हकीकत में यह सही नेतृत्व नहीं है.' माना जा रहा है कि थल सेना अध्यक्ष सीएए समेत एनसीआर और अब एनपीआर पर फैलाए जा रहे भ्रम और झूठ से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. ऐसे में वह युवाओं को सही रास्ते पर प्रेरित करने का आह्वान नेताओें से कर रहे हैं. हालांकि जनरल रावत ने पक्ष-विपक्ष समेत किसी नेता का साफतौर पर कोई नाम नहीं लिया है.
Source : News Nation Bureau