गोवा के विपक्ष के नेता यूरी अलेमाओ ने विधायकों और नौकरशाहों के मध्य प्रदेश में स्मार्ट सिटी के बारे में जानने के लिए आगामी दौरे को व्यर्थ खर्च करार देते हुए कड़ी आपत्ति जताई है।
गोवा विधानमंडल विभाग द्वारा जारी एक परिपत्र के अनुसार, 22 फरवरी से 24 फरवरी तक 11 विधायकों का दौरा स्मार्ट सिटी मिशन के विभिन्न घटकों में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अपनाए गए तरीकों के बारे में जानकारी के लिए जाएंगे।
अलेमाओं ने कहा, मैं गोवा के लोगों के लिए प्रतिबद्ध हूं और भविष्य में भी इस तरह के किसी कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनूंगा। मैं अपने सभी साथियों से अपील करता हूं कि वे जनता के पैसे से आयोजित इस तरह की फैंसी दावत का हिस्सा न बनें।
उन्होंने दावा किया कि पणजी के नागरिकों के साथ-साथ राज्य की राजधानी का दौरा करने वालों को स्मार्ट सिटी वर्क्स पर लगभग 600 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी पूरी तरह से गड़बड़ियों के कारण असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, गोवा विधानमंडल विभाग चाहता है कि मध्य प्रदेश का दौरा करके सिर्फ एक दिन में मंत्री, विधायक और नौकरशाह स्मार्ट बन जाएं।
मुझे विधान सभा प्रश्न का उत्तर मिला है, जिसमें कहा गया है कि सरकार के पास सामाजिक कल्याण लाभार्थियों को भुगतान करने के लिए पैसे नहीं हैं। लेकिन सरकार के पास फिजूलखर्ची के लिए धन है।
यह सही समय है कि शहरी विकास मंत्री विश्वजीत राणे को पणजी स्मार्ट सिटी की विभिन्न परियोजनाओं पर हुए खर्च पर एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। यह परियोजना अति-भ्रष्टाचार का एक उत्कृष्ट उदाहरण हो सकती है।
अलेमाओ ने आगे कहा, मैं यह भी मांग करता हूं कि सरकार यह बताए कि इमेजिन पणजी स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट के खातों का ऑडिट किया गया है या नहीं और ऑडिट किए गए बयानों को सार्वजनिक किया जाए। इस पूरे प्रोजेक्ट की जांच हाई कोर्ट के एक रिटायर्ड जज से होनी चाहिए।
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Source : IANS