काले कपड़े पहनकर विपक्ष ने संसद में गांधी प्रतिमा से विजय चौक तक किया मार्च
काले कपड़े पहनकर विपक्ष ने संसद में गांधी प्रतिमा से विजय चौक तक किया मार्च
नई दिल्ली:
अडानी मुद्दे को लेकर कांग्रेस समेत करीब 17 विपक्षी दलों के सांसदों ने काले कपड़े पहनकर संसद में गांधी प्रतिमा के पास से विजय चौक तक मार्च करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल हुईं। इस मार्च का नेतृत्व सोनिया गांधी ने ही किया। कांग्रेस सांसद महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे एकत्र हुए और हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन करते हुए विजय चौक तक मार्च किया।
इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम 18 राजनीतिक पार्टी मिलकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग कर रहे हैं। इससे सत्य बाहर आएगा और लोगों को पता चलेगा कि हम यह मांग क्यों कर रहे हैं। आप जेपीसी से क्यों डर रहे हैं? आपके पास दो तिहाई बहुमत है और उसमें भी आप ही के सदस्य ज्यादा रहेंगे। इसका मतलब है कि दाल में कुछ काला है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के ऊपर जो मामला दर्ज किया गया वह मेरे शहर कोलार का है। आपने कोलार शहर में दिए भाषण का सूरत में मामला दर्ज किया। आपने ऐसा इसलिए किया क्योंकि आपको अनुकूल सरकार चाहिए थी जिससे आप पुलिस, प्रशासन का इस्तेमाल कर राहुल गांधी को बदनाम कर सकें।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि अडानी खदान को लेकर हुए विवाद जैसे अधिक महत्वपूर्ण मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है। राहुल गांधी से सदन में माफी मांगने को कहा गया तो उन्होंने कहा कि वह ऐसा नहीं करेंगे। इसका मतलब यह है कि सदन वह जगह नहीं है जहां लोग माफी मांग सकें। अगर कोई ऐसी जगह होती जहां लोग माफी मांग सकते तो मोदी को दर्जनों बार माफी मांगनी पड़ती।
इस प्रदर्शन में शामिल हुए कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हु्ड्डा ने कहा कि कोई भी विपक्ष का नेता अगर भाजपा के भ्रष्टाचार को देश के सामने लाने की कोशिश करता है उसी विपक्ष की आवाज को जांच एजेंसी और संवैधानिक संस्थाओं द्वारा दुरुपयोग कर दबाने, कुचलने के प्रयास किए जा रहे हैं।
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि संसद में हमारी मांग जेपीसी को लेकर है, ये मोदी जी और अडानी के हित में ही है। जेपीसी के माध्यम से देश को समस्याओं पर चर्चा करने का मौका मिल जाता है। सरकार जेपीसी की मांग इसलिए नहीं सुन रही क्योंकि दाल में कुछ काला है। मोदी जी और अडानी घबराए हुए हैं।
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