दो बार के लोकसभा सांसद संदीप दीक्षित अपने मन की बात कहने के लिए प्रसिद्ध हैं और जी-23 के पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में से एक थे।
आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि कांग्रेस गठबंधन का नेतृत्व करने की मजबूत स्थिति में है। भारत जोड़ो यात्रा के बाद वह सड़कों पर उतर सकती है और भाजपा को टक्कर दे सकती है। उन्होंने कहा कि केवल एक बहुदलीय गठबंधन ही भाजपा के खिलाफ लड़ सकता है। आमने-सामने की लड़ाई से भाजपा को फायदा हो सकता है।
साक्षात्कार के कुछ अंश:
आईएएनएस : कांग्रेस जो पेशकश करना चाहती है, उसमें क्या ठोस हो सकता है?
दीक्षित : राजनीतिक प्रस्ताव का मसौदा और कांग्रेस अध्यक्ष के भाषण से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस गठबंधन के लिए तैयार है और वह समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों तक पहुंच बनाएगी। कांग्रेस गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए एक मजबूत स्थिति में है, क्योंकि भारत जोड़ो यात्रा के बाद वह सड़कों पर उतर सकती है और भाजपा को टक्कर दे सकती है।
आईएएनएस : कांग्रेस और कितने महीनों में गठबंधन कर पाएगी?
दीक्षित : कांग्रेस उन तक पहुंचेगी, लेकिन कोई समय सीमा नहीं है, देखते हैं कि प्रस्ताव कैसे पारित किया जाता है। निश्चित रूप से कुछ बाधाएं हैं, जो समय आने पर पार्टी दूर कर लेगी।
आईएएनएस : बाधा कौन हैं, टीएमसी, बीआरएस या आप?
दीक्षित : हम अभी तक नहीं जानते हैं कि ममता बनर्जी क्या सोचती हैं, लेकिन हमारे साथ सदन का समन्वय संसद में सौहार्दपूर्ण रहा है। बीआरएस के लोग बजट सत्र में कांग्रेस के साथ रहे हैं। आप के साथ गठबंधन की कोई संभावना नहीं है, क्योंकि वे हमारा विरोध करते रहे हैं।
आईएएनएस : यूपी में गठबंधन की क्या उम्मीद है?
दीक्षित : जब आप मोदी का विरोध कर रहे हैं, तो आप नहीं जानते कि कौन सा गठबंधन काम करेगा, क्योंकि एक पार्टी का गठबंधन काम नहीं कर सकता ह,ै लेकिन एक बहुदलीय गठबंधन काम कर सकता है। यूपी में सपा जैसी बड़ी पार्टियों को फैसला करना है, क्योंकि हम शर्तें तय करने की स्थिति में नहीं हैं, लेकिन जहां हम मजबूत हैं, वहां हम गठबंधन में हैं, जैसे झारखंड, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में।
आईएएनएस : तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा भी एक समस्या है क्योंकि इन राज्यों में कांग्रेस कमजोर है।
दीक्षित: आंध्र में हम तेदेपा के साथ काम कर सकते हैं, तेलंगाना के संबंध में राज्य के चुनावों के बाद स्थिति बदल सकती है, ओडिशा में भाजपा अपना आधार मजबूत कर रही है, इसलिए पार्टी को बीजद के साथ गठजोड़ करने के रास्ते तलाशने चाहिए।
आईएएनएस : क्या आपको लगता है कि राज्य के चुनावों का 2024 पर असर पड़ेगा?
दीक्षित : दूसरे पर किसी भी चुनाव का कोई असर नहीं होगा, आप राज्यों को जीत सकते हैं फिर भी आम चुनाव हार जाते हैं और राज्यों के चुनाव हार जाते हैं और आम चुनाव जीत जाते हैं। 2003 में भाजपा ने दिल्ली को छोड़कर राज्य के चुनाव जीते, लेकिन कांग्रेस ने आम चुनाव जीते।
आईएएनएस : सोनिया गांधी की पारी समाप्त करने के उनके भाषण के बारे में आप क्या सोचते हैं?
दीक्षित : उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के रूप में अपनी पारी पूरी कर ली है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह मार्गदर्शन और सलाह के लिए उपलब्ध नहीं होंगी। वह कांग्रेस पार्टी के लिए होंगी, मुझे लगता है कि किसी भी संकट में वह पार्टी के साथ रहेंगी और वह दरवाजा बंद नहीं कर रही हैं, लेकिन वह खुद को दैनिक मामलों में शामिल नहीं कर सकती हैं, क्योंकि पार्टी में अगली पीढ़ी उनके लिए काम करने को तैयार है।
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Source : IANS