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डेटा संरक्षण विधेयक पर मनीष तिवारी, जयराम ने पेश किया असहमति नोट

डेटा संरक्षण विधेयक पर मनीष तिवारी, जयराम ने पेश किया असहमति नोट

Updated on: 22 Nov 2021, 07:35 PM

नई दिल्ली:

आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने सोमवार को विधेयक के मसौदे को अपनाने के लिए हुई संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में डेटा संरक्षण विधेयक पर एक असहमति नोट पेश किया।

जयराम रमेश ने असहमति नोट जमा करते हुए कहा, संसद की संयुक्त समिति ने व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019 पर अपनी रिपोर्ट को अपनाया है। यह असहमति नोट है, लेकिन संसदीय लोकतंत्र की सबसे अच्छी भावना है। दुख की बात है कि मोदी शासन में ऐसे उदाहरण बहुत कम हैं।

जयराम ने कहा, मैं एक विस्तृत असहमति नोट जमा करने के लिए मजबूर हूं, क्योंकि संसद में बहस के लिए समिति ने लोकतांत्रिक तरीके से काम नहीं किया है।

तिवारी ने कहा, मुझे एक असहमति नोट जमा करने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि मैं बिल के मौलिक डिजाइन और निर्माण से सहमत नहीं हूं।

उन्होंने जेपीसी अध्यक्ष पी.पी. चौधरी को बिल के प्रारूपण में उनकी भूमिका के लिए सम्मानित किया गया।

अपने असहमति नोट में मनीष तिवारी ने चौधरी को लिखा, चूंकि समिति ने अपने विवेक से मेरे द्वारा प्रस्तावित किसी भी मूल संशोधन को स्वीकार करने का फैसला नहीं किया है, इसलिए मैं यह निवेदन करता हूं कि इसके साथ संलग्न टिप्पणी में निहित टिप्पणियों और संशोधनों को मेरी असहमति के रूप में माना जाना चाहिए।

तिवारी ने कहा कि वह बिल में प्रस्तावित कई क्लॉज और क्लॉज संशोधन द्वारा सुझाए गए क्लॉज के साथ तालमेल नहीं बैठा रहे हैं।

लोकसभा में पेश होने के बाद व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019 को संबंधित व्यक्तियों और संघों/निकायों से कानून पर सुझाव लेने के लिए संयुक्त समिति को भेजा गया था। कानून पर विचार करने के लिए समिति की पिछले महीने बैठक हुई थी। इसकी अध्यक्ष मीनाक्षी लेखी को मंत्री नियुक्त किए जाने के बाद यह पहली बैठक थी। अब उनका स्थान पी.पी. चौधरी ने लिया है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.