कांग्रेस में बैठकों के दौर के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी से मुलाकात की। करीब डेढ़ घण्टे से अधिक चली बैठक में पार्टी को आगामी चुनाव में पार्टी को कैसे मजबूत करना है इसपर चर्चा हुई।
पार्टी नेतृत्व पर उठ रहे सवालों पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि, कौन पार्टी का अध्यक्ष बनेगा वो उस वक्त तय किया जाएगा जब उसके चुनाव होंगे, इसका फैसला कार्यकर्ता करेंगे। हालांकि इस समय अध्यक्ष पद खाली नहीं है, सोनिया गांधी ने जब वकिर्ंग कमिटी में कहा कि, आप सभी लोग चाहें तो हम छोड़ देते हैं लेकिन हम सभी नेताओं ने मिलकर कहा कि आप जारी रखिये, हमें कोई समस्या नहीं लेकिन कुछ संघठन को ठीक करने के सुझाव भी हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, कांग्रेस आलाकमान से बातचीत अच्छी हुई है। हम आये दिन आलाकमान से मुलाकात करते रहते हैं। संगठनों को मजबूत करने के लिए सोनिया गांधी की नेताओं से मुलाकात होती है। वकिर्ंग कमिटी की मीटिंग हुई थी और कमिटी से सुझाव मांगे थे। कैसे कांग्रेस को मजबूत को करना है और जहां जहां हारे हैं उसके क्या कारण हैं।
मैंने भी अपने सुझाव दिए थे, बैठक में बहुत सारे लोग सुझाव देते हैं तो हर सुझावों को लिखना संभव नहीं होता। हालांकि आगामी चुनावो में कैसी तैयारी की जाए, सभी कांग्रेस मिलकर अपने विरोधी पार्टियों का मुकाबला करेंगे।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में पार्टी की करारी हार के बाद पार्टी के अंदर मंथन का दौर जारी है।
इससे पहले गुरुवार को भी जी 23 नेताओं के सदस्य भूपिंदर सिंह हुड्डा राहुल गांधी से मिले थे और दोनों नेताओं ने पार्टी संगठन के सुधार पर चर्चा की थी।
इसके बाद गुरुवार रात को भी जी 23 नेताओं की भी मुलाकात हुई थी। पार्टी के अंदर लगातार बदलाव के सुर तेज हो रहे हैं। आलाकमान लगातार इस मसले को हल करने के प्रयास में लगा हुआ है। जी-23 की ओर से पहली बार 2020 में सोनिया गांधी को चुनावी हार और पार्टी के घटते दबदबे के बारे में लिखा गया था।
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Source : IANS