राजस्थान की तर्ज पर कांग्रेस पार्टी ने झारखंड में भी चिंतन शिविर आयोजित करने का फैसला किया है। इसके बाद झारखंड में मंत्रिमंडल फेरबदल के कयास लगाए जा रहे हैं।
झारखंड कांग्रेस के अंदर सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है, यह कहना अभी सही नहीं होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि एक दिन पहले ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बैठक में विधायकों की नाराजगी और प्रदेश राजनीति से जुड़े कई मुद्दों पर बातचीत हुई। इसमें मंत्रिमंडल विस्तार और संगठन में बदलाव, पिछले 2 साल में हुए काम और बाकी बचे 3 साल के कार्यकाल के कामकाज शामिल हैं। बैठक में झारखंड कांग्रेस की स्थिति पर भी बात हुई। बैठक में ये फैसला लिया गया कि उपरोक्त सभी मुद्दों पर गहन मंथन करने के लिए झारखंड कांग्रेस अब राजस्थान की तर्ज पर चिंतन शिविर आयोजित करेगी। जानकारी के मुताबिक पार्टी का यह चिंतन शिविर आगामी 17 से 19 फरवरी तक नेतरहाट में रखा जाएगा।
प्रदेश में कांग्रेस पार्टी- झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन की सरकार में शामिल है। सरकार के दो साल पूरे होने पर अब तक भले ही मंत्रिमंडल में कोई फेरबदल नहीं हुआ है लेकिन पार्टी के नई नेताओं की नाराजगी शीर्ष नेतृत्व तक भी पहुंच गई है। मंगलवार को हुई बैठक में राहुल गांधी ने विधायकों की नाराजगी की बातों को प्रमुखता से सुना। इसपर राहुल ने कांग्रेस कोटे के चारों मंत्रियों को फटकार भी लगा दी। उन्होंने कहा कि संगठन की स्थिति के लिए वे ही जिम्मेवार हैं। इस दौरान राहुल ने सभी मंत्रियों से सरकार के 2 साल के कार्यकाल की भी बात की।
हालांकि झारखंड के स्थानीय नेताओं के बीच पिछले कई दिनों से कांग्रेस मंत्रिमंडल में बदलाव की चर्चा जोरों पर है। पिछले 2 साल में एक बार भी मंत्रिमंडल में बदलाव नहीं होने से भी विधायकों में नाराजगी है। इसी को देखते हुए यह फैसला हुआ है कि कांग्रेस चिंतन शिविर आयोजित कर इन मुद्दों पर बातचीत करेगी। इसके अलावा शिविर में गठबंधन सरकार में 12वें मंत्री पद को लेकर भी बातचीत हो सकती है। चर्चा हैं कि राहुल के साथ बैठक में हेमंत सरकार में कांग्रेस कोटे से पांचवे (हेमंत सरकार में 12वें) मंत्री की भी बात उठी थी।
हालांकि झारखंड के नेतरहाट में होने वाले चिंतन शिविर में भी विधायकों की नाराजगी दिख सकती हैं। गौरतलब है कि राजस्थान में भी पिछले सप्ताह गहलोत सरकार ने इस तरह का चिंतन शिविर आयोजित किया था। उसमें विधानसभा का बजट सत्र, गहलोत सरकार के तीन साल के कार्यालय पर चर्चा की गई थी। इस शिविर में सरकार के सहयोगी दलों को भी आमंत्रित किया गया था। शिविर में सचिन पायलट ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि, मेरी राय है कि जिन्होंने पार्टी के लिए काम किया है, उन्हें सम्मानित करना पड़ेगा। हर व्यक्ति को मंत्री पद नहीं दे सकते है लेकिन भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं। माना जा रहा है कि इसी तर्ज पर झारखंड कांग्रेस के विधायक भी कार्यकर्ताओं के लिए मांग करेंगे।
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Source : IANS