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कांग्रेस और आप के बीच सत्ता विरोधी मतों के बंटवारे से लाभ उठाकर फिर से उत्तराखंड में सरकार बनाएगी भाजपा : सर्वे

कांग्रेस और आप के बीच सत्ता विरोधी मतों के बंटवारे से लाभ उठाकर फिर से उत्तराखंड में सरकार बनाएगी भाजपा : सर्वे

Updated on: 13 Nov 2021, 05:35 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच सत्ता विरोधी वोटों के बंटवारे का फायदा उठाते हुए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उत्तराखंड में सत्ता बरकरार रख सकती है।

अक्टूबर और नवंबर के पहले हफ्तों के बीच 14,000 से अधिक लोगों के साथ बातचीत पर आधारित एबीपी-सीवोटर-आईएएनएस सर्वेक्षण के निष्कर्षों से यह जानकारी मिली है।

सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों में भगवा पार्टी की ओर से 41.4 प्रतिशत वोट हासिल करने की उम्मीद है। वहीं, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को 36.3 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है। इसके अलावा राज्य की राजनीति में हाल ही में प्रवेश करने वाली आप को अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों में 11.8 प्रतिशत वोट मिलने की उम्मीद है।

सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, सीटों की संख्या के संदर्भ में देखा जाए तो भाजपा को 36 से 40 सीटों के बीच मिलने का अनुमान है, जबकि कांग्रेस के लिए 30 से 34 सीटें जीतने की उम्मीद है और आप शून्य से 2 सीटों पर कब्जा कर सकती है। राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव अगले साल की शुरुआत में होने हैं और उत्तराखंड विधानसभा की कुल 70 सीटों पर चुनाव होंगे।

दिलचस्प बात यह है कि सर्वेक्षण के निष्कर्ष बताते हैं कि भाजपा के राज्य में सत्ता में लौटने की उम्मीद है, मगर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे पसंदीदा उम्मीदवार हैं।

सर्वे के दौरान जहां 31.5 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए रावत उनके पसंदीदा उम्मीदवार हैं, वहीं 27.7 फीसदी लोगों ने कहा कि वे चाहते हैं कि मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य में शीर्ष पद पर वापस आएं।

इस बीच, सर्वेक्षण में शामिल 18.3 प्रतिशत लोगों ने कहा कि भाजपा के अनिल सिंह बलूनी मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे अच्छे विकल्प हैं और 8.8 प्रतिशत ने आप के कर्नल अजय कोठियाल के पक्ष में अपनी राय व्यक्त की।

सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, अधिक लोगों का मानना है कि राज्य में मुख्यमंत्री बदलने से आगामी विधानसभा चुनावों में मौजूदा भाजपा को मदद मिलेगी।

सर्वेक्षण में शामिल 45.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि मुख्यमंत्रियों को बदलने से 2022 के विधानसभा चुनावों में भगवा पार्टी को लाभ होगा, वहीं 39.3 प्रतिशत ने कहा कि यह निर्णय पार्टी की चुनावी संभावनाओं के लिए हानिकारक साबित होगा।

जब कुमाऊं और गढ़वाल में मजबूत मतदाता आधार वाले एक प्रमुख दलित नेता यशपाल आर्य की कांग्रेस में वापसी के प्रभाव के बारे में बात की गई, तो सर्वेक्षण में शामिल अधिकांश लोगों ने कहा कि इससे आगामी विधानसभा में पार्टी को कोई फायदा नहीं होगा।

सर्वेक्षण के दौरान, जहां 53.4 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि आर्य की वापसी से कांग्रेस पार्टी को कोई लाभ नहीं होगा, वहीं 46.6 प्रतिशत ने कहा कि उनकी वापसी से अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी की चुनावी संभावनाओं में सुधार होगा।

सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, अधिकांश उत्तरदाताओं या 64.6 प्रतिशत का मानना है कि चुनावी मैदान में आप के प्रवेश का राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों पर प्रभाव पड़ेगा।

जनमत सर्वेक्षण के नवीनतम दौर के दौरान, अधिकांश उत्तरदाताओं, 67.2 प्रतिशत ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतें प्रमुख मुद्दे होंगे।

इसी तरह, अधिकांश उत्तरदाताओं - 52.3 प्रतिशत का मानना है कि गन्ना किसानों के बकाया का मुद्दा एक अन्य प्रमुख मुद्दा होगा, जो राज्य में चुनाव को प्रभावित कर सकता है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.