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कांग्रेस ने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा है कि लिंगायत समुदाय को अल्पसंख्यक दर्जा देने के मसले पर अपनी स्थिति साफ करे। हालांकि बीजेपी ने सिद्धरमैया सरकार के फैसले को विभाजनकारी करार दिया है।
कांग्रेस के मीडिया इंचार्ज रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि कर्नाटक सरकार के इस कदम को राजनीति या चुनावों से जोड़कर न देखा जाए।
सुरजेवाला ने कहा, 'लिंगायत समाज को अल्पसंख्यक दर्जा देने के कर्नाटक सरकार के फैसले को राजनीतिक प्रक्रिया से न जोड़ा जाए।'
सुरजेवाला ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा से इस मसले पर अपनी स्थिति साफ करने के लिये भी कहा।
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उन्होंने कहा, 'आप स्थिति साफ करें और सामने आएं। इधर-उधर की बात न करें। इसलिये हमने कहा है कि इस मसले पर बीजेपी का प्रोपेगैंडा निंदनीय है।'
उन्होंने कहा, 'वो इस मसले पर वोट बैंक को नाराज़ नहीं करना चाहते हैं फिर भी वो लिंगायत समाज की मांग का विरोध कर रहे हैं। ये निंदनीय है और हम चुनौती देते हैं बीएस येदियुरप्पा और अमित शाह को कि वो इस मसले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें।'
सुरजेवाला ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने सभी प्रक्रिया को अपनाते हुए ये फैसला लिया है। जैन समाज को कुछ साल पहले यूपीए सरकार ने ही अपने दूसरे कार्यकाल के खत्म होने से ठीक पहले धर्मिक तौर पर अल्पसंख्यक का दर्जा दिया था।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय में जैन समुदाय को धार्मिक तौर पर अल्पसंख्य का दर्जा ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर दिया गया था। जबकि अग्रवाल समाज इसके विरोध में था, उनका कहना था कि वो इसी समुदाय के अंग हैं।
लिंगायत और वीराशैव कर्नाटक राज्य की जनसंख्या का 17 फीसदी हैं और बीजेपी के पांरपरिक वोट बैंक हैं। वहां पर अप्रैल-मई में चुनाव होना है।
सिद्धारमैया सरकार की आलोचना करते हुए बीजेपी ने इस फैसले को विभाजनकारी करार दिया और कहा है कि कांग्रेस 'आग से खेल' रही है।
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Source : News Nation Bureau