सिख विरोधी दंगों के दोषियों को सजा दिलाने को प्रतिबद्ध : जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विदेश में भारत की छवि बनाने में सिख समुदाय की भूमिका की सराहना करते हुए गुरुवार को कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिये प्रतिबद्ध है कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान ज्यादती के साजिशकर्ताओं को कानून के दायरे में लाया ज
दिल्ली:
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विदेश में भारत की छवि बनाने में सिख समुदाय की भूमिका की सराहना करते हुए गुरुवार को कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिये प्रतिबद्ध है कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान ज्यादती के साजिशकर्ताओं को कानून के दायरे में लाया जाए. प्रवासी भारतीय दिवस पर ऑस्ट्रेलिया, सूरीनाम, अमेरिका, सिंगापुर, कतर, मलेशिया, ब्रिटेन और मॉरीशस के अनिवासी भारतीयों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात करते हुए जयशंकर ने यह टिप्पणी की.
विदेश में सिख समुदाय को लेकर गलत धारणा के संदर्भ में जयशंकर ने कहा कि विदेश में रहने वाले भारतीय समुदायों में भारत के ब्रांड और छवि के निर्माण में सिखों का योगदान अग्रणी है. उन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगों के संदर्भ में कहा, 'एक सरकार के तौर पर हम यह सुनिश्चित करने के लिये प्रतिबद्ध हैं कि इस ज्यादती के साजिशकर्ताओं को कानून के दायरे में लाएं. सिख विरोधी दंगों के संदर्भ में जहां कुछ मामले बंद हो गए थे, हमनें उन्हें दोबारा खुलवाया और फिर से जांच की गई. हमने इस दंगे से प्रभावित लोगों को मुआवजे के पहलू को भी देखा.'
विदेश मंत्री ने कहा, 'जहां तक हमारी बात है, सिख समुदाय को लेकर कोई गलत धारणा नहीं है. वह एक असाधारण कर्मठ, परिश्रमी, देशभक्त और भारत व विदेशों में योगदान देने वाला समुदाय है.'
इसे भी पढ़ें:फांसी से पहले डरे निर्भया के दोषी, एक और दोषी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की क्यूरेटिव याचिका
उन्होंने कहा कि कुछ लोग हो सकते हैं जो अपने एजेंडे को इस तरह से लागू कर रहे हों जो भारत के हितों के अनुकूल न हो लेकिन इस समुदाय के अधिसंख्य लोग भारत की एकता, कल्याण और सुरक्षा से गहरे जुड़े हुए हैं. जयशंकर ने कहा कि विगत में जो कुछ हुआ 30 सालों में विभिन्न दूतावासों में काम करके वह उस बात को समझ सकते हैं. हम जानते हैं कि समुदाय की कुछ शिकायतें है. उन्होंने कहा, 'कुछ लोगों को दूतावास सहायता मुहैया नहीं कराए जाने के कारणों को हम सभी जानते हैं. इस सरकार ने इसे दुरुस्त करने के लिये कदम उठाए हैं....'
सिंगापुर के एक एनआरआई द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'एक देश और सरकार के तौर पर हम निश्चित रूप से चाहेंगे कि भारत में एनआरआई निवेश बड़े पैमाने पर हो.'
जयशंकर ने कहा, 'हम जल्द ही एनआरआई और पीआईओ के लिये निवेश की सुविधा के वास्ते कदम उठाएंगे.'
उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय इस साल लंदन में ‘प्रवासी वैश्विक सीईओ सम्मेलन’ के आयोजन पर भी गंभीरता से विचार कर रहा है. कतर में कर्मियों के शोषण के मुद्दे पर जयशंकर ने कहा कि इस मामले पर सरकार की कड़ी नजर है और वह सजग है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को जल्द ही आव्रजन विधेयक जारी करने की उम्मीद है.
और पढ़ें:ईरान का ट्रंप को जवाब, कहा- हमारी सैकड़ों मिसाइलें तैयार थीं, हमने 13 ही दागीं
प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन पर यहां विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन और सचिव (पूरब) विजय ठाकुर सिंह भी मौजूद थे. भारत के विकास में प्रवासी भारतीयों के योगदान को याद करने के लिए हर साल नौ जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया जाता है. इस दिवस के लिये नौ जनवरी का दिन इसलिये चुना गया क्योंकि आज ही के दिन 1915 में महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व कर हमेशा के लिये भारतीयों की जिंदगी बदल दी थी.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट