कुछ हफ्तों में पांच लाख आईसीयू, 3.5 लाख चिकित्सा कर्मियों की जरूरत
आने वाले कुछ हफ्तों के दौरान भारत में अतिरिक्त पांच लाख आईसीयू बिस्तरों, दो लाख नर्सों और डेढ़ लाख डॉक्टरों की जरूरत पड़ेगी.
highlights
- भारत में अतिरिक्त पांच लाख आईसीयू बिस्तरों की जरूरत
- दो लाख नर्सों और डेढ़ लाख डॉक्टरों की भी जरूरत होगी
- कोरोना की तीसरी लहर कहीं ज्यादा भयावह साबित होगी
पुणे:
प्रख्यात सर्जन डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी के मुताबिक आने वाले कुछ हफ्तों के दौरान भारत में अतिरिक्त पांच लाख आईसीयू बिस्तरों, दो लाख नर्सों और डेढ़ लाख डॉक्टरों की जरूरत पड़ेगी. उन्होंने भारत में कोविड-19 महामारी की स्थिति और बदतर होने का पूर्वानुमान लगाया है. इसके साथ ही इस स्थिति से निपटने के कुछ सुझाव भी दिए हैं. डॉ.शेट्टी ने कहा कि मौजूदा समय में भारत में 75 से 90 हजार आईसीयू बिस्तर हैं और वे महामारी की दूसरी लहर के चरम पर पहुंचने से पहले ही भर चुके हैं. उन्होंने कहा कि भारत में रोजाना 3.5 लाख से ज्यादा नए मामले आ रहे हैं और कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह संख्या महामारी के चरम पर पहुंचने पर प्रति दिन पांच लाख हो सकती है.
यह होगा इसमें कोई शक नहीं
डॉ. शेट्टी ने कहा कि अधिकतर अखबारों की सुर्खियां और मुख्य टेलीविजन चैनलों के प्राइम टाइम में आईसीयू में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिलने पर चर्चा हो रही है. उन्होंने कहा, 'मुझे रातों को नींद नहीं आती क्योंकि खबरों की अगली सुर्खी डॉक्टरों और नर्स के नहीं होने की वजह से आईसीयू में भर्ती मरीजों की मौत को लेकर होने जा रही है.' नारायण हेल्थ फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं संस्थापक डॉ. शेट्टी ने सिम्बायोसिस स्वर्ण जयंती व्याख्यान में बोलते हुए कहा, 'यह होने जा रहा है, इसको लेकर मुझे कोई शक नहीं है.'
संक्रमित मरीज के साथ रहने वालों की जांच नहीं
उन्होंने रेखांकित किया कि प्रत्येक संक्रमित मरीज के साथ पांच से 10 लोग ऐसे हैं जिनकी जांच नहीं हो रही है. इसका अभिप्राय है कि भारत में अब रोजाना 15 से 20 लाख लोग संक्रमित हो रहे हैं. सांख्यिकी के मुताबिक उम्र से परे पांच प्रतिशत संक्रमितों को आईसीयू बिस्तर की जरूरत होती है औसतन 10 दिन मरीज आईसीयू में भर्ती रहता है. उन्होंने कहा, 'आप सोच सकते हैं कि क्या परिस्थिति है. आप जानते हैं कि हमें क्या करना है? हमें कम से कम पांच लाख आईसीयू बिस्तर की जरूरत अगले कुछ हफ्तों में है.'
नर्स, डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या बढ़े
डॉ. शेट्टी ने कहा, 'दुर्भाग्य से बिस्तर मरीजों का इलाज नहीं करते. हमें नर्स, डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ भी उसी अनुपात में चाहिए.' उन्होंने रेखांकित किया कि आईसीयू में भर्ती कोविड-19 मरीज का इलाज प्रबंधन अधिकतर नर्स पर निर्भर करता है न कि डॉक्टर पर. डॉ. शेट्टी ने कहा कि महामारी शुरू होने से पहले ही सरकारी अस्पतालों में 78 प्रतिशत विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी थी. उन्होंने कहा, 'हमें कम से कम दो लाख नर्सों और डेढ़ लाख डॉक्टरों की अगले कुछ हफ्तों में जरूरत है जो अगले एक साल तक कोविड-19 मरीजों का इलाज कर सके क्योंकि मौजूदा महामारी करीब चार से पांच महीने तक रहेगी और उसके बाद हमें तीसरी लहर के लिए तैयार रहना चाहिए.'
नर्सिंग स्टूडेंट्स को तैनात करें
डॉ.शेट्टी ने इस समस्या का समाधान भी पेश किया है. उन्होंने कहा कि भारत में करीब 2.20 लाख नर्सिंग स्टूडेंट्स हैं जिन्होंने विभिन्न नर्सिंग स्कूलों में तीन वर्षीय जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी या चार वर्षीय बीएससी पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है और परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय नर्सिंग परिषद को इन विद्यार्थियों को अगले एक साल तक कोविड-19 आईसीयू वार्ड में नियुक्त करने पर विचार करना चाहिए और इसके बाद उन्हें स्नातक का प्रमाण पत्र देना चाहिए. सरकार इन्हें अन्य सरकारी नौकरियों में भी प्राथमिकता दे सकती है.
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