मालेगांव बम बलास्ट मामले में आरोपी बनाए गए कर्नल श्रीकांत पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने ऊपर लगे UAPA (अनलॉफुल एक्टिविटी प्रोविशन एक्ट) को चुनोती दी है।
आपको बता दे कि इससे पहले भी उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट पिटीशन दायर की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
हाईकोर्ट में कर्नल पुरोहित ने जो पिटीशन दायर किया था उसमें कहा गया था कि यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की परमिशन देने वाले राज्य के ज्यूडिशियल डिपार्टमेंट को ट्रिब्यूनल से रिपोर्ट लेनी होती है। लेकिन इस मामले में जनवरी 2009 में अनुमति दी गई जबकि ट्रिब्यूनल का गठन अक्टूबर 2010 में किया गया। इस लिहाज से यह मंजूरी गलत है।
महाराष्ट्र के मालेगांव के अंजुमन चौक तथा भीकू चौक पर 29 सितंबर 2008 को बम धमाके हुए थे। इनमें छह लोगों की मौत हो गई थी और 101 लोग घायल हुए थे।
इन धमाकों में एक मोटरसाइकिल इस्तेमाल की गई थी। इस मामले की शुरुआती जांच महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते ने की थी, जो बाद में एनआईए को सौंपी गई थी।
कौन हैं कर्नल पुरोहित?
मालेगांव ब्लास्ट केस में अभियुक्त बनाए गए कर्नल श्रीकांत पुरोहित का संबंध दक्षिण पंथी संगठन अभिनव भारत से बताया जाता है। बॉम्बे हाइकोर्ट ने एनआईए की रिपोर्ट के आधार पर कहा था, 'पुरोहित वह हैं जिन्होंने हिंदू राष्ट्र के लिए अलहदा संविधान बनाने के साथ, एक अलग भगवा झंडा बनाया। उन्होंने हिंदुओं पर मुस्लिमों के अत्याचार का बदला लेने पर भी विचार-विमर्श किया।'
Source : News Nation Bureau