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coal crisis:देश में लगातार बढ़ रहा कोयला संकट, जानें कितना बचा स्टॅाक

देश लगातार कोयला संकट (coal crisis) से जूझ रहा है..सरकार भी मान चुकी है कि कोयला संकट होने से बिजली का संकट गहरा सकता है. रिकॅार्ड प्रोडक्शन होने के बाद भी देश कोयले के संकट से कराह रहा है.

Updated on: 14 Oct 2021, 05:06 PM

highlights

  • देश में 135 पावर प्लांट ऐसे जहां कोयले से बनाई जाती है बिजली
  • देश के 18 प्लांटों से खत्म हो चुका है कोयला
  •  लगभग 20 प्लांट ऐसे जहां कुल 7 दिनों का बचा है स्टॅाक 

नई दिल्ली :

देश लगातार कोयला संकट (coal crisis) से जूझ रहा है..सरकार भी मान चुकी है कि कोयला संकट होने से बिजली का संकट गहरा सकता है. रिकॅार्ड प्रोडक्शन होने के बाद भी देश कोयले के संकट से कराह रहा है. आपको बता दें कि देश में 135 पावस प्लांट ऐसे हैं जहां कोयले से बिजली बनाई जाती है. ऐसे में आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि यदि कोयला खत्म हो जाएगा तो देश में अंधेरा छा सकता है.. सरकार के मुताबिक देश के 18 प्लांटों में कोयला पूरी तरह खत्म हो चुका है. जबकि 20 प्लांट ऐसे हैं जहां महज 7 दिनों का ही स्टॅाक बचा है. ऐसे में सरकार लोगों को बिजली संकट से बचाने के लिेए क्या करेगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है..

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कुछ कम जरुर हुआ है स्टॅाक
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने बीते रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया था देश में कोयला संकट नहीं है. लेकिन कोयले की कुछ आमद कम जरुर हुई है. जहां पहले 17-17 दिन का स्टॅाक हुआ करता था. वहां अब 4 से 5 दिन का ही स्टॅाक बचा है..हालाकि उन्होने देशवासियों को भरोसा दिलाते हुए बताया था कि समय रहते कोयले को जरुरत के हिसाब से पूरा कर लिया जाएगा. वहीं, बिजली मंत्रालय की आंकड़ों की मानें तो 12 अक्टूबर तक देश में 18 प्लांट ऐसे थे जहां एक दिन का भी स्टॉक नहीं था. वहीं, 26 प्लांट में एक दिन का ही स्टॅाक बचा था. जबकि, 5 प्लांट में 7 और 15 में ही 7 दिन से ज्यादा का स्टॉक था 

कोयला मंत्री ने किया प्लांट का दौरा
कोयला संकट के बीच केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे. उन्होंने यहां सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड के पिपरवार प्लांट का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया. उनके साथ कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल और सीसीएल के सीएमडी थे. केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने सबसे पहले अशोका माइंस का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि घबराने वाली कोई बात नहीं है. इम्पोर्ट में कमी और बारिश का पानी भर जाने की वजह से प्रोडक्शन में कुछ दिक्कते आई हैं. जिन्हे ठीक कर लिया जाएगा.