logo-image

बिहार चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने खेला ये बड़ा दांव, क्या फंस जाएगी बीजेपी?

ओडिशा में पूर्वी जोनल काउंसिल की 24वीं बैठक में नीतीश कुमार ने गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के सामने विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की.

Updated on: 28 Feb 2020, 06:23 PM

नई दिल्ली:

इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं. सियासत में बड़े उलट फेर का वक्त आ गया है. हाल ही में बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने तेजस्वी यादव से मुलाकात करके कयासों का बाजार और गर्म कर दिया. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मांगने वाले नीतीश कुमार जब बीजेपी के साथ आए तो उनकी ये मांग पिटारे में कैद हो गई. यानी जिस ऊंची आवाज से वो केंद्र से विशेष राज्य का दर्जा मांगते थे वो बंद हो गया था. लेकिन एक बार फिर से नीतीश कुमार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की है.

ओडिशा में पूर्वी जोनल काउंसिल की 24वीं बैठक में नीतीश कुमार ने गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के सामने विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की. नीतीश कुमार (Nitish kumar) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से एक बार फिर मांग की कि बिहार राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए.

इसे भी पढ़ें:तेज प्रताप और तेजस्वी का दिखा प्यार, हाथ से खिलाया डोसा, वीडियो Viral

सवाल यह है कि क्या नीतीश कुमार चुनाव से पहले ग्राउंड तैयार कर रहे हैं. बिहार में एनआरसी (NRC) और एनपीआर (NPR) के खिलाफ प्रस्ताव विधानसभा में पास होने के बाद बीजेपी असहज स्थिति में आ गई है. अमित शाह नीतीश कुमार के मांग को किस तरह लेते हैं वो तो आने वाले वक्त में पता चल पाएगा. लेकिन इस बार बिहार का चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाला है, ये कहना गलत नहीं होगा.

पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की ओडिशा में हुई बैठक

बता दें कि शुक्रवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (ईजेडसी) की बैठक हुई. ईजेडसी की 24वीं बैठक में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और पश्चिम बंगाल तथा बिहार के उनके समकक्ष क्रमश: ममता बनर्जी और नीतीश कुमार भाग लिए. बैठक में भाग लेने में असमर्थ झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए वित्त मंत्री रामेश्वर ओरांव को नियुक्त किया है.

और पढ़ें:सियासी 'दुश्मन' ने जब एक साथ लंच का लिया मजा, ममता बनर्जी और अमित शाह ने साथ खाया खाना

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार वामपंथी उग्रवाद के अलावा ईजेडसी की बैठक में कोयला-रॉयल्टी में संशोधन, जघन्य अपराधों और रेल-संपर्क परियोजनाओं जैसे मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित किया गया.