कोलकाता से सटे हावड़ा जिले के शिबपुर और काजीपारा इलाकों में रामनवमी के जुलूस को लेकर हुई झड़प की स्थिति की समीक्षा करने दिल्ली से आए एक एनजीओ की फैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्यों को पुलिस ने रविवार को मौके पर पहुंचने से रोक दिया।
यह लगातार दूसरा दिन था जब मानवाधिकारों के उल्लंघन पर फैक्ट फाइंडिंग कमेटी टीम के सदस्यों को उन इलाकों में जाने से रोका गया, जहां झड़प हुई थी। शनिवार को इसी टीम को पुलिस ने हुगली जिले के रिशरा पहुंचने से रोक दिया था, जहां 2 अप्रैल की शाम को झड़पें हुईं और अगली रात तक जारी रही।
रविवार की दोपहर जब फैक्ट फाइंडिंग टीम कोलकाता को हावड़ा से जोड़ने वाले दूसरे हुगली ब्रिज के टोल प्लाजा पर पहुंची, तो पुलिस की एक बड़ी टीम ने उनके वाहनों को शिबपुर और काजीपारा इलाके में जाने से रोक दिया।
बल की टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे पुलिस अधिकारियों ने टीम के सदस्यों से कहा कि उन्हें उन इलाकों तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा, क्योंकि इलाके में धारा 144 लागू है। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें यह भी बताया कि शिबपुर और काजीपारा में तथ्यान्वेषी दल के सदस्यों के आने से स्थानीय लोगों का जमावड़ा हो सकता है, इससे धारा 144 का उल्लंघन होगा।
टीम के सदस्यों को पुलिस अधिकारियों के साथ तीखी नोकझोंक करते देखा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने जानबूझकर उन्हें शिबपुर और हावड़ा पहुंचने से रोक दिया, क्योंकि राज्य सरकार नहीं चाहती थी कि वे स्थानीय लोगों से बात करें और तथ्यों को इकट्ठा करें।
फैक्ट फाइंडिंग टीम के छह सदस्य शुक्रवार की रात कोलकाता पहुंचे और शनिवार दोपहर को वे घटनास्थल का दौरा करने के लिए रिशरा के लिए निकल पड़े। उन्हें नई दिल्ली वापस जाना है और इस पर केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट देनी है।
30 मार्च की दोपहर रामनवमी के जुलूस को लेकर हावड़ा जिले के शिबपुर इलाके में झड़पें हुईं। अगले दिन तनाव बढ़ गया और उसी जिले के निकटवर्ती काजीपारा क्षेत्र तक फैल गया।
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Source : IANS