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चाईबासा में कोल्हान सरकार के नाम पर नियुक्ति अभियान रोका तो थाने पर हमला, 7 पुलिसकर्मी जख्मी

चाईबासा में कोल्हान सरकार के नाम पर नियुक्ति अभियान रोका तो थाने पर हमला, 7 पुलिसकर्मी जख्मी

Updated on: 23 Jan 2022, 09:50 PM

चाईबासा/रांची:

झारखंड के चाईबासा में रविवार को अलग कोल्हान सरकार के नाम पर सुरक्षा बल में नियुक्ति का अभियान चला रहे चार लोगों को पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद उग्र ग्रामीणों के एक बड़े समूह ने मुफस्सिल थाने पर हमला बोल दिया। तीर धनुष और पत्थरों से हमले में सात जवान घायल हो गए हैं।

भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसूगैस के गोले चलाए और हल्का बल प्रयोग करते हुए ग्रामीणों को खदेड़ा। उत्तेजित भीड़ ने चाईबासा में 2 घंटे तक नेशनल हाईवे 75ई को जाम किए रखा।

पुलिस ने चाईबासा के बड़ा बाजार क्षेत्र को अपने नियंत्रण में ले लिया है। घटना के बाद यहां बड़ी संख्या में पुलिस जवानों को तैनात किया गया है। लगातार पेट्रोलिंग की जा रही है। वज्र वाहनों की भी तैनाती की गई है और फिलहाल स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है।

पश्चिम सिंहभूम जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुफस्सिल थाना अंतर्गत लादूरा गांव में कोल्हान गवर्नमेंट इस्टेट के नाम लगभग 50 युवक-युवतियों की कथित सुरक्षा बल में नियुक्ति के लिए कैंप लगाए जाने की जानकारी मिलने पर जानकारी सदर अनुमंडल पदाधिकारी शशिद्र बड़ाईक, सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजय खलखो, जिला नियोजनालय पदाधिकारी राजेश कुमार, मुफस्सिल थाना पदाधिकारी पवन चंद्र पाठक समेत पुलिस बल के साथ लादूरा गांव पहुंचे। वहां पूछताछ करने पर पता चला कि युवकों को दिग्भ्रमित कर कोल्हान गवर्नमेंट के नाम से सुरक्षा बल में 40 साल के लिए नियुक्ति का ड्राइव चलाया जा रहा है।

नियुक्ति का कैंप लगाने वाले अजय पाड़िया सहित चार लोगों को मुफस्सिल थाना पुलिस पकड़कर ले आई। इसके लगभग एक घंटे बाद दो-ढाई सौ ग्रामीणों ने पारंपरिक हथियारों के साथ मुफस्सिल थाना घेर लिया। वह पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए चार लोगों को छोड़ने की मांग कर रहे थे। प्रशासनिक पदाधिकारियों ने ग्रामीणों से वार्ता कर उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने थाने पर पथराव कर दिया। पुलिसकर्मियों पर तीरों से भी वार किया गया। जवाब में पुलिस ने भी आंसूगैस के गोले चलाए और लाठी चार्ज कर लोगों को खदेड़ा।

बता दें कि कोल्हान गवर्नमेंट ईस्टेट के नाम पर कुछ लोग पहले भी अपनी स्वतंत्र सरकार चलाने का एलान करते रहे हैं। रामो बिरूवा नामक व्यक्ति अपने आप को कोल्हान का राष्ट्रपति घोषित कर कोल्हान को अलग देश करने की मांग उठा चुका था, जिसमें पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसे भेजा था। जेल में ही रामो बिरूवा की मृत्यु हो गई थी। उसका सहयोगी आनंद चातार भी देशद्रोह के मामले में जेल में ही था। कुछ दिन पूर्व ही बेल के आधार पर वह जेल से बाहर आया। इसके बाद आनंद चातार पूरे पश्चिम सिंहभूम जिला में कोल्हान गवर्नमेंट इस्टेट के नाम से कथित तौर पर सुरक्षा बल बनाने के लिए नवयुवकों की बहाली कर रहा था। कई युवकों को कोल्हान सरकार के नाम पर नियुक्ति पत्र भी बांटे गए हैं।

बहरहाल, इलाके में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में बनी हुई है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.