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सीजेआई ने अयोध्या फैसले से पहले उप्र के मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख से सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया

पीठ ने 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी करते हुये कहा था कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा.

Updated on: 08 Nov 2019, 03:57 PM

दिल्ली:

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर फैसला सुनाये जाने से पहले शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी प्राप्त की. अयोध्या प्रकरण पर प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ अगले सप्ताह अपना फैसला सुनायेगी. सूत्रों ने बताया कि प्रधान न्यायाधीश के कक्ष में करीब एक घंटे यह बैठक चली. बैठक में उप्र के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी और पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने राज्य में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये किये गये बंदोबस्त से प्रधान न्यायाधीश को अवगत कराया.

प्रधान न्यायाधीश के साथ हुई इस बैठक के बारे में और ज्यादा जानकारी उपलबध नहीं हो सकी. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि तीन पक्षकारों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान- में बराबर बराबर बांटने के उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के निर्णय के खिलाफ दायर अपीलों पर 40 दिन तक सभी पक्षों की दलीलें सुनी. पीठ ने 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी करते हुये कहा था कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा. इस मामले में फैसला अगले सप्ताह सुनाये जाने की संभावना है क्योंकि प्रधान न्यायाधीश 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं.