आज रिटायर हो गए CJI एसए बोबडे, बोले- मैंने अपना बेस्ट दिया, कई यादें लेकर जा रहा हूं
देश के 47वें चीफ जस्टिस रहे जस्टिस बोबडे आज रिटायर हो गए. अपने रिटायरमेंट पर उन्होंने बड़ी ही इमोशनली और मोटिवेटेड स्पीच दी. उन्होंने कहा कि 'बार के युवा सदस्यों के लिए जो महामारी की स्पष्ट घटनाओं से निराश हैं, मैं कहना चाहता हूं, कि उम्मीद मत खोना.
highlights
- नवंबर 2019 में देश के 47वें CJI बने थे जस्टिस बोबडे
- कहा- अच्छी यादों के साथ सुप्रीम कोर्ट से विदा ले रहे हैं
- अयोध्या जन्मभूमि पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था
नई दिल्ली:
देश के निवर्तमान चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे (CJI Sharad Arvind Bobde) ने आज (शुक्रवार) को कहा कि वे प्रसन्नता, सद्भाव और बहुत अच्छी यादों के साथ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से विदा ले रहे हैं. उन्हें इस बात का संतोष है कि उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ काम किया है. बता दें कि देश के 47वें चीफ जस्टिस रहे जस्टिस बोबडे आज रिटायर हो गए. अपने रिटायरमेंट पर उन्होंने बड़ी ही इमोशनली और मोटिवेटेड स्पीच दी. निवर्तमान चीफ जस्टिस बोबडे ने कोरोना महामारी को लेकर कहा कि 'बार के युवा सदस्यों के लिए जो महामारी की स्पष्ट घटनाओं से निराश हैं, मैं कहना चाहता हूं, कि उम्मीद मत खोना. लगे रहो. हालात बदलेंगे'
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उन्होंने कहा कि 'मैं प्रसन्नता, सद्भाव के साथ और शानदार दलीलों, उत्कृष्ट प्रस्तुति, सद्व्यवहार तथा ना केवल बार बल्कि सभी संबंधित पक्षों की ओर से न्याय की प्रतिबद्धता की बहुत अच्छी यादें इस अदालत से जा रहा हूं. हमने कृत्रिम बुद्धिमत्ता की ओर बढ़ने का फैसला किया क्योंकि मुझे लगता है कि इसे अनदेखा करना व्यर्थ है. मुझे लगता है कि अगर हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को नहीं अपनाते हैं, तो हम खुद को बहुत नुकसान में पाएंगे.'
उन्होंने कहा कि महामारी के दौर में डिजिटल तरीके से काम करना रजिस्ट्री के बिना संभव नहीं होता. उन्होंने कहा कि डिजिटल सुनवाई के बारे में कई ऐसी असंतोषजनक बातें हैं जिन्हें दूर किया जा सकता है. जस्टिस बोबडे ने कहा, ‘इस तरह की सुनवाई में फायदा यह हुआ कि इस दौरान मुझे वकीलों के पीछे पर्वत श्रृंखलायें और कलाकृतियां दिखाई दीं. कुछ वकीलों के पीछे बंदूक और पिस्तौल जैसी पेंटिंग भी दिखाई दीं. हालांकि एसजी मेहता के पीछे की पेंटिंग अब हटा ली गई है.’
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विदाई भाषण में उन्होंने कहा कि 'आखिरी दिन मिली-जुली अनुभूति होती है, जिसे बयां करना मुश्किल है. मैं इस तरह के समारोहों में पहले भी शामिल हुआ हूं लेकिन कभी ऐसी मिली-जुली अनुभूति नहीं हुई इसीलिए तब मैं अपनी बातें स्पष्ट तौर पर कह सका. मैं प्रसन्नता, सद्भाव के साथ और शानदार दलीलों, उत्कृष्ट प्रस्तुति, सद्व्यवहार तथा न केवल बार बल्कि सभी संबंधित पक्षों की ओर से न्याय की प्रतिबद्धता की बहुत अच्छी यादें इस अदालत से जा रहा हूं.'
बता दें कि न्यायमूर्ति बोबडे को नवंबर 2019 में देश के 47वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई गई थी और वह आज सेवानिवृत्त हो गए. उन्होंने अपने कार्यकाल में अयोध्या जन्मभूमि के ऐतिहासिक फैसले समेत कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए.
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