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दिल्ली में मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों का संयुक्त सम्मेलन

भारत के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना छह साल के अंतराल के बाद उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के 39 वें सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं. ये कार्यक्रम दो दिवसीय है, जो 29 अप्रैल से 30 अप्रैल तक आयोजित किया जा रहा है. 30 अप्रैल को दिल्ली के विज्ञान

Updated on: 29 Apr 2022, 04:41 PM

highlights

  • दिल्ली में मुख्यमंत्रियों-हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों की कॉन्फ्रेंस
  • सीजेआई रमना करेंगे अध्यक्षता
  • पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे उद्घाटन

नई दिल्ली:

भारत के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना छह साल के अंतराल के बाद उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के 39 वें सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं. ये कार्यक्रम दो दिवसीय है, जो 29 अप्रैल से 30 अप्रैल तक आयोजित किया जा रहा है. 30 अप्रैल को दिल्ली के विज्ञान भवन में मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों का संयुक्त सम्मेलन होगा. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. इससे पहले, आखिरी बार 24 अप्रैल, 2016 को यह सम्मेलन आयोजित हुआ था. अब इस साल ये 29 और 30 मई को आयोजित हो रहा है.

सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, सभी उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश होंगे शामिल

इस सम्मेलन में जिन मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की जानी है, उनमें भारत भर के न्यायालय परिसरों में नेटवर्क और कनेक्टिविटी को प्राथमिकता देना, जिला अदालतों में मानव संसाधन और कार्मिक नीति की जरूरतें, बेहतर बुनियादी ढांचे और क्षमता निर्माण, कानूनी और संस्थागत सुधार और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का चयन शामिल हैं. सम्मेलन में संघीय और राज्य स्तरों पर जिला न्यायालय के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विशेष प्रयोजन, एक राष्ट्रीय न्यायिक बुनियादी ढांचा प्राधिकरण और राज्य न्यायिक बुनियादी ढांचे के अधिकारियों के निर्माण पर भी चर्चा की जाएगी. चर्चा में भाग लेने वालों में न्यायमूर्ति यू.यू. ललित और खानविलकर भी शामिल होंगे, जो मुख्य न्यायाधीश के बाद सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं.

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न्याय प्रणाली में पारदर्शिता लाने की तैयारी

बता दें कि न्यायालय न्यायिक मामलों पर विचार-विमर्श करने के लक्ष्य के साथ उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की एक बैठक की मेजबानी कर रहा है. जहां संस्थागत और कानूनी सुधारों  पर चर्चा की जाएगी. सम्मेलन में जिला अदालत आईटी बुनियादी ढांचे के विकास, जिला अदालत की आईटी जरूरतों के लिए कंप्यूटर अधिकारियों का एक स्थायी कैडर, सभी हितधारकों को आदेशों और निर्णयों का इलेक्ट्रॉनिक प्रसारण, और त्वरित समाधान के लिए न्यायिक मामलों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का उपयोग जैसे विषयों को शामिल किया जाएगा.