भारत के प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमना ने गुरुवार को लाल चंदन (रेड सैंडर्स) से जुड़े तस्करी के मामलों से निपटने के लिए गठित दो विशेष अदालतों का उद्घाटन किया।
शहर में तिरुपति शहरी विकास प्राधिकरण (टीयूडीए या टुडा) परिसर में विशेष अदालतें शुरू हुई हैं।
सीजेआई ने प्रथम श्रेणी न्यायालय के न्यायिक मजिस्ट्रेट और एक जिला न्यायालय का उद्घाटन किया।
लाल चंदन तस्करी के मामलों से निपटने के लिए राज्य में स्थापित ये पहली विशेष अदालतें हैं। अदालतें मामलों के त्वरित निपटान में मदद करेंगी।
तमिलनाडु की सीमा से लगा यह इलाका लाल चंदन की तस्करी के लिए कुख्यात है। तस्करी के मामलों में वृद्धि के कारण बड़े पैमाने पर मामले लंबित हैं और इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने विशेष अदालतें स्थापित करने की पहल की है।
प्रधान न्यायाधीश ने बाद में एसवी विश्वविद्यालय में जिला न्यायाधीशों के एक सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. टी. रामाराव (एनटीआर) के जन्म शताब्दी समारोह का भी उद्घाटन किया।
न्यायमूर्ति रमना ने एनटीआर को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि तीन अक्षर एनटीआर तेलुगु भाषी लोगों को अपार शक्ति देता है।
सीजेआई ने कहा कि एनटीआर एक ऐसे नेता थे, जो लोगों की नब्ज जानते थे और उन्होंने लोगों के कल्याण के लिए कई योजनाएं लागू कीं।
उन्होंने कहा कि एनटीआर ने पार्टी अपने हितों के लिए नहीं बल्कि लोगों की सेवा के लिए बनाई है। एनटीआर का हमेशा से मानना था कि राजनीतिक दल की एक विचारधारा, नीतियां और अनुशासन होना चाहिए। सीजेआई ने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद उनकी योजना एनटीआर पर एक किताब लिखने की है।
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Source : IANS