नागरिकता कानूनः हैदराबाद तक पहुंची आंच, उर्दू विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन जारी

नागरिकता कानून को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन की आंच अब हैदराबाद में भी पहुंच गई है. जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों के समर्थन में हैदराबाद स्थित मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (एमएएनयूयू) के छात्रों ने सोमवार को भी अपना प्रदर्शन

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Kuldeep Singh
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नागरिकता कानूनः हैदराबाद तक पहुंची आंच, उर्दू विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन जारी

हैदराबाद स्थित मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी( Photo Credit : फाइल फोटो)

नागरिकता कानून को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन की आंच अब हैदराबाद में भी पहुंच गई है. जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों के समर्थन में हैदराबाद स्थित मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (एमएएनयूयू) के छात्रों ने सोमवार को भी अपना प्रदर्शन जारी रखा. छात्रों ने परिसर में नारेबाजी की और तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने दिल्ली तथा अलीगढ़ में एएमयू में छात्रों पर पुलिस कार्रवाई की निंदा की.

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इंकलाब जिंदाबाद के लगाए नारे
प्रदर्शनकारियों के हाथों में दिख रही तख्तियों पर 'इंकलाब जिंदाबाद', 'लोकतंत्र बचाओ' और 'संघी भारत छोड़ो' जैसे नारे लिखे थे. दिल्ली स्थित जामिया परिसर और उसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पुलिस कार्रवाई के बाद भारत की पहली और एकमात्र उर्दू यूनिवर्सिटी के छात्रों ने रविवार रात प्रदर्शन शुरू किया.

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सोमवार से प्रस्तावित परीक्षाओं का बहिष्कार करते हुए बड़ी संख्या में छात्रों ने प्रदर्शन में भाग लिया. छात्र संगठन ने परीक्षा नियंत्रक से परीक्षाओं को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है. प्रदर्शनकारी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को खारिज करने वाले नारे लगा रहे थे और जामिया तथा एएमयू में छात्रों पर कार्रवाई की व्यापक जांच की मांग कर रहे थे.

वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर इस बिल का विरोध कर रहे लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की. प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 संसद के दोनों सदनों द्वारा भारी समर्थन के साथ पारित किया गया था. बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों और सांसदों ने इसके पारित होने का समर्थन किया. यह अधिनियम भारत की सदियों पुरानी संस्कृति की स्वीकृति, सद्भाव, करुणा और भाईचारे को दर्शाता है. समय की आवश्यकता है कि हम सभी भारत के विकास और प्रत्येक भारतीय, विशेषकर गरीब, दलित और हाशिए के सशक्तिकरण के लिए मिलकर काम करें. प्रधानमंत्री ने कहा कि सीएए किसी भी धर्म के भारत के नागरिक को प्रभावित नहीं करता है.

Source : IANS

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