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सोनिया गांधी( Photo Credit : ANI)
राज्य सभा से नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ट्वीट कर नाखुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि भारत के संवैधानिक इतिहास में आज का दिन यानी बुधवार काला दिन साबित हुआ. उन्होंने कहा कि आज का दिन काला दिन है. सोनिया गांधी ने कहा कि यह बिल भारत की बहुलता पर संकीर्णतावादी और बड़ी ताकतों की जीत का प्रतीक है.
Congress Interim President Sonia Gandhi: Today marks a dark day in the constitutional history of India. #CitizenshipAmendmentBill2019https://t.co/WmiN8R29mm
— ANI (@ANI) December 11, 2019
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने बिल पास होने पर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह सरकार केवल बड़े वादे करती है, लेकिन उनके सभी वादे विफल हो जाते हैं. ममता दी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पश्चिम बंगाल में NRC और CAB को लागू नहीं किया जाएगा.
Derek O'Brien, TMC: This government only makes big promises but all their promises fail. Mamata Di has stated clearly that NRC and CAB will not be implemented in West Bengal. pic.twitter.com/yF5zNjMjHJ
— ANI (@ANI) December 11, 2019
वहीं शिवसेना सांसद संजय राउत ने राज्यसभा से वॉकआउट किया. उन्होंने कहा कि इस बिल में कई कमी हैं. इसको लेकर जब हमने सवाल पुछा तो संतुष्ट रूप से कोई भी जवाब नहीं मिला. जब जवाब ही नहीं मिला तो बिल का समर्थन या विरोध करना सही नहीं है.
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि लोकसभा में मतदान के बाद शिवसेना ने राज्यसभा में विधेयक के लिए मतदान नहीं किया, यह एक स्वागत योग्य कदम है.
Sanjay Raut, Shiv Sena: We didn't say that the refugees shouldn't be granted citizenship, they should be given. But we said that if it's a conspiracy for vote bank politics & allegations are being levelled against you then they should not be granted voting rights for 25 years. https://t.co/uTvd9I2cFu
— ANI (@ANI) December 11, 2019
P Chidambaram, Congress: Shiv Sena not voting for the Bill after voting for it in Lok Sabha, is a welcome development. #CitizenshipAmendmentBill2019pic.twitter.com/ca48Ww9nDb
— ANI (@ANI) December 11, 2019
लोकसभा से नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship amendment bill 2019) पास होने के बाद बुधवार को इसे राज्यसभा में पेश किया गया था. बिल को राज्यसभा से भी मंजूरी मिल गई. बिल को पास कराने के लिए हुई वोटिंग में पक्ष में 125 और विपक्ष में 99 वोट पड़े. वहीं बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने समेत सभी संशोधन प्रस्ताव खारिज हो गया. किसी भी संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली. सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के खिलाफ 124 और पक्ष में 99 वोट पड़े थे. राज्यसभा में चली लंबी बहस के बाद बिल को मंजूरी मिल गई. इस दौरान अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर देश का बंटवारा नहीं हुआ होता तो बिल लाने की जरूरत नहीं थी.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो