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नागरिकता संशोधन बिल को आज कैबिनेट की मंजूरी संभव, जल्‍द ही पेश किया जाएगा संसद में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज बुधवार को सुबह 9:30 बजे कैबिनेट (Modi Cabinet) की बैठक बुलाई है. बैठक में नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill 2019) को मंजूरी मिल सकती है.

Updated on: 04 Dec 2019, 10:43 AM

नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज बुधवार को सुबह 9:30 बजे कैबिनेट (Modi Cabinet) की बैठक बुलाई है. बैठक में नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill 2019) को मंजूरी मिल सकती है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद जल्‍द ही गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) इस बिल को संसद (Parliament) में पेश करेंगे. सरकार की कोशिश इस बिल को संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session) में पास करा लेने की होगी. विपक्ष इस बिल का जोरदार विरोध कर रहा है. बीजेपी (BJP) ने इस हफ्ते अपने सांसदों की अधिक से अधिक उपस्‍थिति सुनिश्‍चित करने को कहा है.

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यह भी संभव है कि कैबिनेट से इस बिल की मंजूरी के तुरंत बाद इसे संसद में पेश कर दिया जाए. इससे पहले अनुच्छेद 370 (Article 370) को लेकर जो बिल सरकार लाई थी, उस दौरान भी ऐसा ही हुआ था. इस बिल में नागरिकता के नियमों में बदलाव का प्रावधान है. इसका सर्वाधिक विरोध देश के पूर्वोत्‍तर में हो रहा है.

नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों को बदलने के लिए नागरिकता संशोधन बिल 2019 पेश किया जा रहा है. इससे नागरिकता देने के नियमों में बदलाव होगा. इस संशोधन विधेयक से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए बगैर वैध दस्तावेजों के भी भारत की नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो जाएगा. भारत की नागरिकता हासिल करने को अभी देश में 11 साल रहना जरूरी है, लेकिन नए बिल में इस अवधि को 6 साल करने की बात कही जा रही है.

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कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष इस बिल के विरोध में हैं. विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार धर्म के आधार पर नागरिकता बांट रही है. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी या फिर अन्य विपक्षी नेता सभी ने इस बिल का विरोध करने का फैसला किया है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार इस बिल के जरिए 1985 के असम अकॉर्ड का उल्लंघन कर रही है. बीजेपी के कुछ साथी दल भी इस बिल के विरोध में हैं. पूर्वोत्तर में NDA के साथी असम गण परिषद (AGP) गृह मंत्री अमित शाह से भी इस बिल का विरोध कर चुकी है.