Citizenship Amendment Bill 2019 बुधवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा
बुधवार की दोपहर 2 बजे इस बिल को राज्यसभा (Rajya Sabha) में पेश किया जाएगा.
नई दिल्ली:
नागरिकता संशोधन विधेयक बिल 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019) लोकसभा से पास हो गया है लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 311 वोट पड़े तो वहीं विपक्ष में 80 वोट पड़े. अब बुधवार की दोपहर 2 बजे इस बिल को राज्यसभा (Rajya Sabha) में पेश किया जाएगा. इस बिल को लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी गृहमंत्री अमित शाह पेश करेंगे. इसके पहले सोमवार की देर रात लगातार 7 घंटों तक लोकसभा में सवाल जवाब के बाद इस बिल को लोकसभा से पास किया गया.
#CitizenshipAmendmentBill2019 to be introduced in Rajya Sabha at 2 pm tomorrow. pic.twitter.com/cupTtvbpzj
— ANI (@ANI) December 10, 2019
आपको बता दें कि 7 घंटों से ज्यादा बहस के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक को लोकसभा से सोमवार को मंजूरी मिल गई थी. इस बिल को लागू करने के लिए लोकसभा की कार्यवाही देर रात तक चलायी गयी. लोकसभा की कार्यवाही के दौरान इस बिल के समर्थन में 311 वोट पड़े, जबकि 80 सांसदों ने इस बिल के खिलाफ वोटिंग की है. इस बिल में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत में आए शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रस्ताव है. इसके अलावा इस बिल में इन तीनों देशों से आने वाले हिंदू, सिख, पारसी, जैन, और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को भी नागरिकता देने का प्रस्ताव है.
सदन में शिवसेना, शिरोमणि अकालीदल जनता दल यूनाइटेड, बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस जैसे दल इस बिल के समर्थन में आए और इनके समर्थन में आने के बाद इस बिल के उच्च सदन में भी आसानी से पास होने की संभावना बढ़ गई है. इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह विधेयक लाखों करोड़ों शरणार्थियों को यातना से मुक्ति देगा, उन्होंने कहा कि यह बिल किसी समुदाय विशेष के लिए नहीं है बल्कि अल्पसंख्यकों के लिए है.
गृहमंत्री अमित शाह ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की संख्या में आई कमी के बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश पर भी निशाना साधा है. शाह ने कहा कि 1947 में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी 23 प्रतिशत तक थी, लेकिन साल 2011 तक ये घटकर 3.7 प्रतिशत हो गई. वहीं बांग्लादेश में 1947 में अल्पसंख्यकों की आबादी 22 प्रतिशत थी, लेकिन 2011 में यह घटकर 7.8 फीसदी ही रह गई. आखिर इन देशों में अल्पसंख्यक कहां चले गए. अमित शाह ने कहा इन देशों के अल्पसंख्यक या तो मार दिए गए भगा दिए गए या फिर धर्मांतरण हो गए. आखिर इसमें उनका क्या दोष था कि वो अल्पसंख्यक हैं. हम चाहते हैं कि इन लोगों का सम्मान बना रहे.
धर्म के आधार पर हुआ देश का बंटवारा जिसकी वजह से लाना पड़ा बिल
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अच्छा तो यह होता कि इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर न होता. ऐसा न होता तो फिर यह बिल लाने की जरूरत ही न पड़ती. धर्म के आधार पर विभाजन हुआ, जहां मुस्लिम भाई अधिक थे वह पाकिस्तान बना. फिर पाकिस्तान में भी विभाजन हुआ और एक हिस्सा बांग्लादेश में तब्दील हुआ. लेकिन इस बीच एक विभीषिका आई और लाखों लोगों को यातना झेलनी पड़ी.
पाकिस्तान-बांग्लादेश से कहां गायब हुए अल्पसंख्यक
गृह मंत्री अमित शाह ने पाकिस्तान और बांग्लादेश को समाने रखते हुए कहा कि 1947 में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी 23 प्रतिशत थी, लेकिन 2011 में 3.7 प्रतिशत हो गई. बांग्लादेश में 47 में 22 प्रतिशत आबादी 22 प्रतिशत थी, लेकिन 2011 में यह 7.8 पर्सेंट हो गई. आखिर ये लोग कहां चले गए या तो मार दिए गए. भगा दिए गए या फिर धर्मांतरण हो गए. आखिर उनका क्या दोष था. हम चाहते हैं कि इन लोगों का सम्मान बना रहे. कहा जा रहा है कि भारत हिंदू राष्ट्र बनने जा रहा है.
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रोहिंग्याओं को भी निकाला जाएगा
अमित शाह ने कहा कि रोहिंग्या को भी कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा. म्यांमार सेक्युलर देश है और रोहिंग्या बांग्लादेश से होते हुए यहां आना चाहते हैं. मैं यह स्पष्ट कर दूं कि उन्हें कभी भी भारत में स्वीकार नहीं किया जाएगा.
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मुसलमानों से नहीं नफरत
शाह ने लोकसभा में विपक्ष के सवालों पर कहा कि हमें मुसलमानों से कोई नफरत नहीं है. इस देश के किसी मुसलमान का इस विधेयक से कोई वास्ता नहीं है.कांग्रेस देश में ऐसी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है जिसकी केरल में सहयोगी मुस्लिम लीग है और महाराष्ट्र में शिवसेना उसकी सहयोगी है .
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