6 महीने में सिप्ला बना लेगा कोरोना की दवा पर महामारी हुई तो...

भारतीय दवा कंपनी सिप्ला ने दावा किया है कि अगर सबकुछ सही रहा तो अगले छह महीने में कोरोना की दवा बना ली जाएगी. कंपनी ने कहा है कि वह दवा की एपीआई बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है.

भारतीय दवा कंपनी सिप्ला ने दावा किया है कि अगर सबकुछ सही रहा तो अगले छह महीने में कोरोना की दवा बना ली जाएगी. कंपनी ने कहा है कि वह दवा की एपीआई बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है.

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Kuldeep Singh
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6 महीने में सिप्ला बना लेगा कोरोना की दवा पर महामारी हुई तो...( Photo Credit : फाइल फोटो)

कोरोना वायरस के लगातार मामले सामने आ रहे हैं. कोरोना वायरस के भारत में अब तक 288 मामले सामने आ चुके हैं. जबकि इस खतरनाक वायरस से चार लोगों की मौत हो चुकी है. इसी बीच एक राहतभरी खबर भी सामने आई है. भारतीय फार्मास्यूटिकल कंपनी सिप्ला ने दावा किया है कि वह अगले छह महीने में कोरोना वायरस की दवा तैयार कर लेगा. अगर ऐसा हुआ तो सिप्ला कोरोना वायरस की दवा ईजाद करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन सकती है. सिप्ला सरकारी प्रयोगशालाओं के साथ मिलकर इस पर काम कर रही है.

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कंपनी का दावा है कि उसने फ्लू, एड्स और अन्य जरूरी दवाओं का उत्पादन दोगुना कर दिया है. सिप्ला स्विट्जरलैंड की कंपनी रोचेज की सूजनरोधी दवा एक्टेमरा को भारत में पहले ही वितरित कर चुकी है. इस दवा का इस्तेमाल फेफड़ों से जुड़ी गंभीर समस्याओं के इलाज के लिए किया जाएगा. कंपनी ने कहा कि जिन लोगों को कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई दे रहे हैं वह आई-ब्रूफेन (Ibuprofen) ना लें, इसकी जगह पेरासिटामोल (Paracetamol) का इस्तेमाल करें.

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सिप्ला इससे पहले सांस लेने में तकलीफ, एंटी फ्लू तथा एचआईवी से जुड़ी समस्याओं के इलाज के लिए कई दवाईयां बना चुकी हैं. दावा किया जा रहा है कि वर्तमान में कोरोना के मामले में ये दवाएं असरदार साबित हो सकती हैं. भले ही कोविड-19 का कोई इलाज नहीं है लेकिन कुछ दवाओं के जरिए इनका इलाज किया जा रहा है और इससे मरीज ठीक भी हो रहे हैं.

कच्चा माल बनेगा कंपनी के लिए चुनौती
कंपनी का कहना है कि कच्चा माल भी दवा के लिए चुनौती बनेगा. कोरोना वायरस के इलाज के लिए एंटी वायरल कंपाउंड जैसे -फेविपिराविर, रेमिडेसिविर तथा बोलैक्सेविर का उत्पादन शुरू किया जाएगा. सरकारी प्रयोगशालाओं के साथ मिलकर इन तीनों दवाओं के लिए कच्चे माल को किस तरह बनाया जाए इस पर कंपनी विचार कर रही है. हालांकि कच्चे माल का उत्पादन करने और दवा बाजार में लाने में छह महीने का समय लग सकता है.

Source : News State

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