अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने खुलासा किया है कि भारतीय वायुसेना साल 1984 में पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्लांट पर हमला करने की तैयारी कर चुकी थी। रिपोर्ट के अनुसार वायुसेना के इस हमले से पाकिस्तान के परमाणु प्रोजेक्ट कई साल पीछे खिसक जाते।
एक अंग्रेजी अखबार की माने तो हमला नवंबर में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भारतीय वायुसेना हमला कर सकती थी। इस बात का खुलासा सीआईए द्वारा जारी किए गए रिपोर्ट के आधार पर हो पाया है।
सीआईए की रिपोर्ट की माने तो उसमें लिखा है कि, 'पाकिस्तान की कमांड, कंट्रोल और कम्यूनिकेशन काफी खराब था जिसकी वजह से वह भारत के हमले का ना तो जवाब दे पाता ना ही रोक पाता।'
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि 'पाकिस्तान की कमांड, कंट्रोल और कम्यूनिकेशन काफी खराब था जिसकी वजह से वह भारत के हमले का ना तो जवाब दे पाता ना ही रोक पाता।'
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रिपोर्ट के अनुसार अगर भारत पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्लांट पर हमला करता तो इस्लामाबाद कई सालों तक परमाणु हथियार नहीं बना पाता। जो जगह भारतीय वायुसेना के निशाने पर थे उनमें से कठुआ का इनरिचमेंट प्लांट और INSTECH-न्यू लेबरेट्रॉरी फेसिलिटी शामिल होते।
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यूएस की इंटेलिजेंस एजेंसी ने इन दिनों हजारों गोपनीय कागजातों को दुनिया के सामने रखा है। उनमें से एक में इन बातों का जिक्र है। इससे पहले राजीव गांधी से जुड़ी एक खबर भी आई थी। सीआईए ने राजीव गांधी की जान को खतरे का अंदेशा उनकी हत्या से पांच साल पहले ही जता दिया था।
HIGHLIGHTS
- भारत के हमले के बाद कई सालों तक परमाणु हथियार नहीं बना पाता पाकिस्तान
- रिपोर्ट से हुआ खुसाला, पाकिस्तान की कमांड, कंट्रोल और कम्यूनिकेशन थी खराब
Source : News Nation Bureau