CIA ने पांच साल पहले ही जताई थी राजीव गांधी की हत्या की आशंका, रिपोर्ट से हुआ खुलासा
रिपोर्ट में उपलब्ध पहली लाइन में लिखा गया है, 'प्रधानमंत्री राजीव गांधी का कार्यकाल 1989 में खत्म होने से पहले ही उनकी हत्या की संभावना है।'
highlights
- राजीव की हत्या के बाद अमेरिकी हितों का होगा नुकसान
- राजीव की हत्या के बाद सांप्रदायिक हिंसा फैलने की संभावना
नई दिल्ली:
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के 5 साल पहले ही अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA ने एक रिपोर्ट तैयार की थी। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि 1989 से पहले ही चरमपंथियों द्वारा उनकी हत्या की जा सकती है।
अपनी रिपोर्ट में सीआईए ने आशंका जताई थी कि राजीव गांधी राजनीतिक परिदृश्य से अचानक गायब हो सकते हैं। फ्रीडम ऑफ इन्फॉर्मेशन ऐक्ट के तहत सार्वजनिक की गई इस रिपोर्ट से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
'इंडिया आफ्टर राजीव' नाम से तैयार की गई 23 पन्नों की रिपोर्ट में मार्च 1986 में सीआईए के अन्य अधिकारियों से प्रतिक्रिया मांगी गई थी। इस रिपोर्ट का पूरा शीर्षक उपलब्ध नहीं है क्योंकि सार्वजनिक करने के फैसले से पहले सीआईए ने रिपोर्ट का कई हिस्सा मिटा दिया था।
जनवरी 1986 तक सीआईए को मिली जानकारी के आधार पर इस रिपोर्ट को तैयार किया गया था। रिपोर्ट में उपलब्ध पहली लाइन में लिखा गया है, 'प्रधानमंत्री राजीव गांधी का कार्यकाल 1989 में खत्म होने से पहले ही उनकी हत्या की संभावना है।'
राजीव गांधी की हत्या तमिलनाडु के श्रीपेरमबदुर में 21 मई 1991 में कर दी गई थी। 'की जजमेंट' नाम के शीर्षक वाले एक हिस्से में राजीव गांधी के अचानक नेतृत्व से हट जाने की संभावना पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक परिस्थितियों में होने वाले बदलाव का विश्लेषण किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 'अगर राजीव गांधी की किसी कश्मीरी मुस्लिम और सिख द्वारा हत्या की जाती है, तो सुरक्षा के कड़े इंतजाम (उत्तर भारत में सेना और अर्धसैनिकों की तैनाती) के बावजूद सांप्रदायिक हिंसा फैलने की संभावना है।' रिपोर्ट में इसके बाद का हिस्सा मिटा दिया गया है।
रोचक बात यह है कि इसमें पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और वीपी सिंह के नाम का भी उल्लेख है, जिसमें लिखा है कि राजीव गांधी की हत्या पर ये दोनों ही उनका स्थान ले सकते हैं। राजीव की हत्या के बाद नरसिम्हा राव 1991 में प्रधानमंत्री बने थे।
सीआईए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'राजीव की हत्या से अमेरिकी हितों को बड़ा नुकसान होगा। हमें लगता है कि राजीव गांधी की हत्या से घरेलू राजनीति में बदलाव आएगा जिसका भारत-अमेरिका संबंध पर भी असर पड़ेगा।'
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