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मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार: चाचा के खिलाफ कोर्ट पहुंचे चिराग पासवान

चिराग पासवान की ओऱ से आज दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी गयी है. हालांकि ये याचिका पशुपति पारस को केंद्रीय मंत्री बनाने के खिलाफ नहीं है बल्कि उन्हें लोकसभा में लोजपा संसदीय दल का नेता बनाने के लोकसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ है.

Updated on: 07 Jul 2021, 05:12 PM

नई दिल्ली:

मंत्रिमंडल विस्तार के बीच चिराग पासवान कोर्ट पहुंच गये हैं. चिराग पासवान ने दिल्ली हाईकोर्ट में आज याचिका दायर कर दी है. उन्होंने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. चिराग ने पशुपति कुमार पारस को लोजपा कोटे से मंत्री बनाने पर कडा एतराज जताया है. ट्वीटर पर चिराग पासवान ने लिखा है “प्रधानमंत्री जी के इस अधिकार का पूर्ण सम्मान है कि वे अपनी टीम में किसे शामिल करते हैं और किसे नहीं. लेकिन जहां तक LJP का सवाल है पारस जी हमारे दल के सदस्य नहीं हैं. पार्टी को तोड़ने जैसे कार्यों को देखते हुए उन्हें मंत्री,उनके गुट से बनाया जाए तो LJP का कोई लेना देना नहीं है. पार्टी विरोधी और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने के कारण लोक जनशक्ति पार्टी से पशुपति कुमार पारस जी को पहले ही पार्टी से निष्काषित किया जा चुका है और अब उन्हें केंद्रीय मंत्री मंडल में शामिल करने पर पार्टी कड़ा ऐतराज दर्ज कराती है.

चिराग पासवान की ओऱ से आज दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी गयी है. हालांकि ये याचिका पशुपति पारस को केंद्रीय मंत्री बनाने के खिलाफ नहीं है बल्कि उन्हें लोकसभा में लोजपा संसदीय दल का नेता बनाने के लोकसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ है.

चिराग पासवान ने ट्वीटर पर लिखा है “लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा पार्टी से निकाले गए सांसदों में से पशु पतिपारस  को नेता सदन मानने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी ने माननीय लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष उनके फ़ैसले पर पुनः विचार याचिका दी थी जो अभी भी विचाराधीन है.  लोक जनशक्ति पार्टी ने आज माननीय लोकसभा अध्यक्ष के प्रारम्भिक फ़ैसले जिसमें पार्टी से निष्कासित सांसद पशुपति पारस जी को लोजपा का नेता सदन माना था के फ़ैसले के ख़िलाफ़ आज दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है.

बता दें कि मोदी कैबिनेट में एलजेपी के कोटे से पशुपति पारस को जगह मिली है. दरअसल, चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच पार्टी में वर्चस्व को लेकर खूब सियासी घमासान चल रहा है. चिराग के चाचा ने उनके खिलाफ बगावत करके पार्टी पर कब्जा कर लिया और खुद को पार्टी की तरफ से लोकसभा में खुद नेता सदन घोषित करवाया है.