गोवा में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 15 अक्टूबर को द्विपक्षीय वार्ता होगी। यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है ही। इस दौरान आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। पीएम मोदी आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चीन के राष्ट्रपति से बातचीत कर सकते हैं।
क्यों अहम है पीएम मोदी और जिनपिंग की मुलाकात?
1. चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर पर भारत के प्रस्ताव का विरोध किया है। भारत ने अपने प्रस्ताव में आतंकी मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने की मांग की है। पिछले दिनों चीन को छोड़कर 14 देशों ने भारत की मांग का समर्थन किया था। ऐसे में पीएम जिनपिंग के सामने इस मुद्दे को उठा सकते हैं।
2. चीन न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में भारत को शामिल करने के मसले पर भी विरोध कर रहा है। जबकि अमेरिका समेत अन्य देश भारत को एनएसजी में शामिल किये जाने के पक्ष में है। दोनों देशों के नेताओं के बीच इस मसले पर भी अहम चर्चा हो सकती है।
3. चीन ने भारत के पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद ब्रह्मपुत्र नदी के सहायक नदियों को रोक दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि चीन ने सिंधु जल संधि पर भारत के रिव्यू के बाद यह फैसला किया था। ऐसे में मोदी-जिनपिंग के बीच इस मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है।
4. उरी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में होने वाले सार्क सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने का ऐलान किया था जिसके बाद बांग्लादेश, अफगानिस्तान और भूटान जैसे देशों ने भी सम्मेलन में हिस्सा लेने से मना कर दिया जिससे ये संदेश गया था कि भारत ने सार्क में कूटनितक तौर पर सफलता पूर्वक पाकिस्तान को अलग-थलग कर दिया था।
ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) का मकसद अपने आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव से पश्चिम के आधिपत्य को चुनौती देना है। इसकी बैठक 15-16 अक्टूबर को गोवा में होगी।
Source : News Nation Bureau