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चीन के विदेश मंत्री( Photo Credit : न्यूज स्टेट)
कश्मीर मुद्दे पर चीन ने एकबार फिर साफ कर दिया है कि उसकी पॉजिशन बिल्कुल साफ है. कश्मीर का मामला द्विपक्षीय है और वो इन मामले में नहीं कूदना चाहते हैं. चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर चीन की स्थिति सुसंगत और स्पष्ट है. यह इतिहास से बचा हुआ विवाद है और इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, संबंधित सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार उचित और शांतिरूप से हल किया जाना चाहिए.
China Foreign Ministry:At request of Pakistan,UNSC reviewed Kashmir issue on January 15.Members of Security Council are concerned about current situation in Kashmir, &call for observance of UN Charter&international law& peaceful resolution of disputes through political dialogue https://t.co/zA23veMvOS
— ANI (@ANI) January 17, 2020
UNSC ने 15 जनवरी को कश्मीर मुद्दे की समीक्षा की
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने 15 जनवरी को कश्मीर मुद्दे की समीक्षा की. सुरक्षा परिषद के सदस्य कश्मीर में मौजूदा स्थिति के बारे में चिंतित हैं. संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतर्राष्ट्रीय कानून के पालन के लिए राजनीतिक बातचीत के माध्यम से विवादों का शांतिपूर्ण समाधान किया जाए. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर का मुद्दा उठाने के फैसले का सख्ती से बचाव करते हुए चीन ने कहा कि उसके प्रयास का मकसद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करना है और इसके पीछे उसका “नेक इरादा” है.
सुरक्षा परिषद में कश्मीर का मुद्दा उठाने का प्रयास पाकिस्तान का विफल हो गया
चीन ने यह दावा भी किया है कि परिषद में ज्यादातर सदस्यों ने घाटी की स्थिति पर अपनी चिंता जताई है. चीन की इस टिप्पणी से एक दिन पहले भारत ने कहा था कि पाकिस्तान की तरफ से सुरक्षा परिषद में कश्मीर का मुद्दा उठाने का चीन का प्रयास विफल हो गया है. सुरक्षा परिषद ने भारी बहुमत के साथ राय व्यक्त की कि भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय मुद्दे पर चर्चा के लिए यह सही मंच नहीं है. पाकिस्तान के सदाबहार साथी चीन ने बुधवार को एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के परामर्श कक्ष में बंद बैठक के दौरान “अन्य मामलों” के तहत कश्मीर का मुद्दा उठाया.
राजनीतिक संवाद के जरिए विवादों का शांतिपूर्वक समाधान करें- चीन
इस बारे में पूछने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, “चीन की स्थिति एकरूप और स्पष्ट है. यह मुद्दा इतिहास से जुड़ा एक विवाद है और इसे संयुक्त राष्ट्र के चार्टर, यूएनएससी के प्रस्तावों और द्विपक्षीय संधियों के आधार पर, और शांतिपूर्ण तरीके से हल करना चाहिए. उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के अनुरोध पर सुरक्षा परिषद ने 15 जनवरी को कश्मीर की स्थिति की समीक्षा की. सुरक्षा परिषद के सदस्य मौजूदा हालात को लेकर चिंतित हैं और उन्होंने संबंधित पक्षों से आह्वान किया है कि वे चार्टर को देखें और संयम बरतने के साथ राजनीतिक संवाद के जरिए विवादों का शांतिपूर्वक समाधान करें.”
चीन ने समीक्षा बैठक में एक स्थायी सदस्य के रूप में भाग लिया
यह पूछने पर कि सिर्फ चीन इस तरह के दावे क्यों कर रहा है, जबकि परिषद के किसी अन्य सदस्य ने इस बारे में नहीं बोला है, गेंग ने कहा, “दरअसल, यूएनएससी ने 15 जनवरी को कश्मीर मुद्दे की समीक्षा की और कोई बयान नहीं दिया. लेकिन, चीन ने समीक्षा बैठक में एक स्थायी सदस्य के रूप में भाग लिया और जो मैंने कहा वह समीक्षा के अनुरूप है. फिर भी अगर आपको लगता है कि यह सच नहीं है तो आप अन्य सू्त्रों को देख सकते हैं.” एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “अगर आपको हमारी बात पर भरोसा नहीं है तो आप सूचना के लिए दूसरी साइट्स देख सकते हैं.”
चीन यूएनएससी में कश्मीर का मुद्दा क्यों उठा रहा है?
भारत के बयान के बारे में उन्होंने कहा, “हम भारत के रुख और राय को समझते हैं. लेकिन मैंने जो कहा वह चीन की राय और रुख है. मेरा मानना है कि भारत इससे अवगत है और इस पर हम संपर्क में हैं.” जब उनसे पूछा गया कि चीन यूएनएससी में कश्मीर का मुद्दा क्यों उठा रहा है, जबकि भारत और चीन के नेता अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के जरिए संबंधों को सुधार रहे हैं, गेंग ने कहा, “क्योंकि हम तनाव को कम करना चाहते हैं और क्षेत्रीय शांति तथा स्थिरता चाहते हैं. ये हमारी शुभेच्छा है. हालांकि अगर भारतीय पक्ष इसकी दूसरी तरह व्याख्या करता है तो ये एक गलत व्याख्या होगी.” भाषा पाण्डेय नरेश नरेश
Source : News Nation Bureau