'चीन ने सीमा पर दागी मिसाइलें, रॉकेट फोर्स ने फैलाई तबाही'

सैन्य अभ्‍यास का एक वीडियो भी जारी किया गया है, जिसमें नजर आ रहा है कि चीनी सेना अंधेरे में ड्रोन की मदद से हमला कर रही है.

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Nihar Saxena
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पीएलए की थिएटर कमांड भारतीय सीमा पर दिखा रही अपना दम-खम.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

सात दौर की सैन्य, छह राउंड की कूटनीतिक और तीन बार शीर्ष नेतृत्व की आमने-सामने की बैठक के बावजूद भारत-चीन (India-China) के बीच विगत मई महीने से जारी गतिरोध और तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है. यह अलग बात है कि सामान्य संबंध बहाली की इस कवायद के दौरान चीन की कम्यूनिस्ट सरकार का मुखपत्र 'ग्लोबल टाइम्स' मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिए अंट-शंट वीडियो और बयानरूपी खबरें अलग से जारी कर रहा है. इस कड़ी में भारत पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिए चीन की पीएलए (PLA) सेना ने भारतीय सीमा के बेहद नजदीक जबर्दस्त युद्धाभ्यास किया. तुर्रा यह है कि इसे भुनाते हुए 'ग्लोबल टाइम्स' ने वीडियो जारी कर दावा किया है कि इसमें 90 फीसदी नए हथियारों का इस्तेमाल किया गया.

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'पीएलए की थिएटर कमांड का कारनामा'
'ग्‍लोबल टाइम्‍स' के मुताबिक यह अभ्‍यास 4700 मीटर की ऊंचाई पर पीएलए के तिब्‍बत थिएटर कमांड की ओर से किया गया. इस सैन्य अभ्‍यास का एक वीडियो भी जारी किया गया है, जिसमें नजर आ रहा है कि चीनी सेना अंधेरे में ड्रोन की मदद से हमला कर रही है. वीडियो में नजर आ रहा है कि चीनी सेना की रॉकेट फोर्स जोरदार हमले में एक पूरे पहाड़ी इलाके को तबाह कर देती है. यही नहीं, चीनी सेना ने गाइडे‍ड मिसाइल के हमले का भी अभ्‍यास किया. अभ्‍यास के दौरान चीनी सेना की तोपों ने भी जमकर बम बरसाए. पीएलए के सैनिकों ने कंधे पर रखकर दागे जाने वाली मिसाइलों का भी प्रदर्शन किया. 

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'युद्धाभ्यास में 90 फीसदी नए हथियारों का प्रयोग'
'ग्‍लोबल टाइम्‍स' ने दावा किया कि इस अभ्‍यास में शामिल 90 फीसदी हथियार और उपकरण एकदम नए हैं. माना जा रहा है कि चीनी अखबार ने भारत-चीन वार्ता के दौरान दबाव बनाने के लिए यह वीडियो जारी किया है. बता दें कि भारत और चीन के बीच कई दौर की वार्ता के बाद भी अभी तक लद्दाख गतिरोध का कोई हल नहीं निकला है. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि सीमा पर बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों की तैनाती पूर्व में हुए करारों का उलट है. ऐसे में जब दो देशों के सैनिक तनाव वाले इलाकों में मौजूद रहते हैं तो वही होता है जो 15 जून को हुआ. जयशंकर का कहना था कि ऐसा बर्ताव न सिर्फ बातचीत को प्रभावित करता है, बल्कि 30 वर्ष के संबंधों को भी खराब करता है.

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