LAC पर अब कम होगा तनाव, भारतीय और चीनी सेना पीछे हटने को तैयार- चीन का दावा

चाइना मिनिस्ट्री ऑफ नेशनल डिफेंस ने बुधवार को दावा किया है कि सैन्य कमांडर स्तर पर नौवें दौर की बातचीत के बाद बनी सहमित पर अमल शुरू हो गया है. अब पैंगोंग झील के दक्षिण और उत्तर तट से भारतीय सैनिक (Indian Army) और चीनी सैनिक (China Army) पीछे हट रहे हैं.

चाइना मिनिस्ट्री ऑफ नेशनल डिफेंस ने बुधवार को दावा किया है कि सैन्य कमांडर स्तर पर नौवें दौर की बातचीत के बाद बनी सहमित पर अमल शुरू हो गया है. अब पैंगोंग झील के दक्षिण और उत्तर तट से भारतीय सैनिक (Indian Army) और चीनी सैनिक (China Army) पीछे हट रहे हैं.

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Deepak Pandey
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पैंगोंग झील के दक्षिण और उत्तर तट से पीछे हट रहे भारतीय-चीनी सेना( Photo Credit : फाइल फोटो)

चाइना मिनिस्ट्री ऑफ नेशनल डिफेंस ने बुधवार को दावा किया है कि सैन्य कमांडर स्तर पर नौवें दौर की बातचीत के बाद बनी सहमित पर अमल शुरू हो गया है. अब पैंगोंग झील के दक्षिण और उत्तर तट से भारतीय सैनिक (Indian Army) और चीनी सैनिक (China Army) पीछे हट रहे हैं. चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने चीन के रक्षा मंत्रालय का हवाला देते हुए कहा- सैन्य वार्ता में बुधवार को बनी सहमति के बाद चीन और भारतीय सेना के जवान दक्षिण और उत्तरी पैंगोंग त्सो झील से वापस लौटना शुरू कर दिया है. हालांकि, इस मामले में भारत की ओर से अभी कोई बयान जारी नहीं किया गया है.

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आपको बता दें कि पिछले साल मई में दोनों देशों के बीच तनाव तब शुरू हुआ जब पैंगोंग झील पर चीनी सेना ने अपना दावा बढ़ाना चाहा. इस पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प भी हुई थी. गलवान घाटी में 15 जून 2020 को चीनी सेना ने विश्वासघात करते हुए पेट्रोलिंग पर गई इंडियन आर्मी पर हमला कर दिया था. इस पर भारतीय सेना ने इस हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया. इस हमले में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. साथ ही चीन के कई जवान भी मारे गए, उसने इस बात को स्वीकार किया, लेकिन चीन मारे गए जवानों की संख्या बताने में चुप्पी साध गया.

पैंगोंग झील की निगरानी के लिए 12 गश्ती नौकाएं खरीदेगी सेना

पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील समेत बड़े जलाशयों की निगरानी के लिए सेना ने 12 उच्च क्षमता वाली गश्ती नौकाएं खरीदने के प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया है. इन पेट्रोलिंग बोट्स को लद्दाख में पैंगोंग झील में तैनात किया जाएगा. जहां से चीन की हर गतिविधि पर भारत के जवान नजदीक से जाकर नजर रख पाएंगे. इस क्षेत्र में पिछले वर्ष मई से भारत और चीन आमने-सामने हैं. 

आत्मनिर्भर भारत की पहल

सेना ने कहा है कि उसने सरकारी क्षेत्र के उपक्रम गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के साथ करार पर हस्ताक्षर किए हैं. यह करार 12 गश्ती नौकाओं के लिए किया गया है. बड़े जलाशयों में इन नौकाओं का इस्तेमाल गश्ती और निगरानी में किया जाएगा. सेना ने ट्वीट कर कहा है कि मई 2021 से नौका की आपूर्ति शुरू हो जाएगी. यानी कि इंडियन आर्मी रक्षा सौदों में आत्मनिर्भर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर काम कर रही है.

गर्मियों में करेंगी पेट्रोलिंग

सरकारी सूत्रों ने कहा कि पैंगोंग झील के साथ ही पहाड़ी क्षेत्र में स्थित अन्य जलाशयों की निगरानी के लिए भी नौकाएं खरीदी जा रही हैं. गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ने कहा है कि गुरुवार को उसने सेना के साथ विशेष गश्ती नौका की आपूर्ति के लिए करार किया है. इन नौकाओं में बल की जरूरतें पूरी करने के लिए विशेष उपकरण लगे होंगे. इस वक्त कड़ाके की सर्दियों की वजह से पैंगोंग झील अभी जमी हुई है. यहां पर 3-4 महीने ऐसी ही स्थिति रहेगी. गर्मियों में जब झील पिघलेगी तो नई नौकाओं को गश्ती के लिए तैनात कर दिया जाएगा. 

Source : News Nation Bureau

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