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अब कैमरों में रिकॉर्ड होगी चीनी सैनिकों की हरकतें, भारतीय सेना ने उठाया बड़ा कदम

लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Valley) में भारत-चीनी सैनिकों ( India-China Dispute ) के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है.

Updated on: 27 Jul 2021, 12:08 AM

highlights

  • गलवान घाटी में भारत-चीनी सैनिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच तनाव
  • चीनी सैनिकों पर पैनी नजर रखने के लिए भारतीय सेना ने LAC पर कैमरे फिट कर दिए हैं

नई दिल्ली:

लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Valley) में भारत-चीनी सैनिकों ( India-China Dispute ) के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है. हालांकि गतिरोध सुलझाने के क्रम में दोनों देशों में सैन्य कमांडर स्तर की कई वार्ता का क्रम जारी है. बावजूद चीन अपनी चालाकी से बाज आता दिखाई नहीं पड़ रहा. यही वजह है कि भारतीय सेना ( Indian Army ) ने भी चीन के नापाक मंसूबों को नाकामयाब क रने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं. चीनी सैनिकों ( chinese soldiers) की गतिविधियों पर पैनी नजर रखने के लिए भारतीय सेना ने LAC पर कैमरे और सेंसर फिट कर दिए हैं.

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भारत-चीन सीमा पर कैमरों और सेंसर का नेटवर्क

इसके साथ ही सेना भारत-चीन सीमा पर कैमरों और सेंसर का एक नेटवर्क तैयार कर रहे हैं, ताकि चीन की हर चाल का मुंहतोड़  जवाब दिया जा सके. दरअसल, भारतीय सेना अब चीन को लेकर कोई ढुलमुल रवैया नहीं रखना चाहती. यही वजह है कि सीमा पर हर तरह के हालातों से निपटने के लिए अब बॉर्डर पर तैनात सैनिकों को तैयार किया जा रहा है. इसके साथ ही जवानों को आधुनिक हथियारों से लैस किया जा रहा है, जबकि ऑपरेशनल एरिया को भी नए-नए उपकरणों से पूर्ण रखा जा रहा है. सरकारी सूत्रों के अनुसार पूर्वी लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक चीनी सैनिकों की हर एक गतिविधी पर नजर रखने के लिए कैमरे और सेंसर में बदलाव किए गए हैं. इसके साथ ही इनकी संख्या भी बढ़ाई जा रही है.

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15 हजार सैनिको किए तैनात

भारतीय सेना ( Indian Army ) ने जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) से अपनी आतंक विरोधी अभियान वाली यूनिट्स ट्रांसफर कर पूर्वी लद्दाख सेक्टर में तैनात कर दिया. भारतीय सेना के इस कदम के पीछे लद्दाख क्षेत्र में चीनी आक्रमण को रोकना है. जानकारी के अनुसार कई महीने पहले लद्दाख मोर्चे पर चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए लगभग 15 हजार सैनिकों को जम्मू-कश्मीर से वहां पर शिफ्ट किया गया था. बताया जा रहा है कि ये जवान भविष्य में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ( PLA ) द्वारा उठाए गए किसी भी कदम से निपटने में लेह स्थित 14 कोर हेडक्वार्टर की मदद करेंगे.