पाक के गिलगित-बाल्टिस्तान आदेश पर चीन ने साधी चुप्पी, कहा- सीपीईसी के कारण कश्मीर पर नहीं बदलेगा रुख

पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान के प्रशासनिक अधिकार दिये जाने से जुड़े आदेश पर चीन ने टिप्प्णी करने से इनकार कर दिया है।

पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान के प्रशासनिक अधिकार दिये जाने से जुड़े आदेश पर चीन ने टिप्प्णी करने से इनकार कर दिया है।

author-image
pradeep tripathi
एडिट
New Update
पाक के गिलगित-बाल्टिस्तान आदेश पर चीन ने साधी चुप्पी, कहा- सीपीईसी के कारण कश्मीर पर नहीं बदलेगा रुख

फाइल फोटो

पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान के प्रशासनिक अधिकार दिये जाने से जुड़े आदेश पर चीन ने टिप्प्णी करने से इनकार कर दिया है। हालांकि उसने कहा है कि विवादित क्षेत्र से गुजरने वाले सीपीईसी की वजह से कश्मीर पर उसके रुख पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

Advertisment

चीन का कहना है कि भारत और पाकिस्तान को मिलकर कश्मीर समस्या का हल निकालना चाहिये।

पाकिस्तान की कैबिनेट ने 21 मई को गिलगित-बाल्टिस्तान आदेश को मंजूरी दी जिसे वहां की असेंबली ने मंजूर किया है। पाकिस्तान के इस कदम को विवादित क्षेत्र को पांचवां राज्य बनाने की चालके तौर पर देखा जा रहा है।

पाकिस्तान के इस कदम से क्षेत्र के स्थानीय लोगों में नाराज़गी है। साथ ही भारत ने भी कड़ी आपत्ति दर्ज की है। भारत ने दो टूक शब्दों में कहा है कि 1947 के विलय प्रस्ताव के मुताबिक पूरा जम्मू-कश्मीर राज्य उसका अभिन्न अंग है जिसमें तथाकथित 'गिलगित-बाल्टिस्तान' का क्षेत्र भी शामिल है।

चीन के विदेश विभाग ने की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने प्रेस से कहा, 'कश्मीर समस्या भारत और पाकिस्तान के बीच एक ऐसा विवाद है जो दोनों के इतिहास से जुड़ा है, ऐसे में इसे दोनों पक्षों को बातचीत के जरिए मिलकर सुलझाना होगा।'

और पढ़ें: पेट्रोल 60 और डीजल 56 पैसे हुआ सस्ता, 17वें दिन मिली लोगों को राहत

गिलगित-बाल्टिस्तान से संबंधित एक सवाल पर हुआ ने कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र से होकर गुजर रहे 50 अरब डॉलर के CPEC प्रॉजेक्ट का कश्मीर पर उसके रुख पर कोई असर नहीं डालेगा। चीन चाहता है कि इस समस्या को भारत-पाकिस्तान मिलकर सुलझाएं।

हुआ चुनयिंग ने कहा, 'हमने कई बार जोर देकर कहा है कि सीपीईसी आर्थिक उद्देश्यों के लिए है। यह आर्थिक विकास और लोगों के जीवनयापन के लिए है। इस पहल से कश्मीर समस्या को लेकर हमारा रुख प्रभावित नहीं होगा।'

पाकिस्तान ने अपने अवैध कब्जे वाले कश्मीर के हिस्से को 2 प्रशासनिक भागों में बांटा हुआ है, जिसमें एक गिलगित-बाल्टिस्तान और दूसरा है पीओके।

पाकिस्तान अब तक गिलगित-बाल्टिस्तान को एक अलग हिस्से के तौर पर मानता आया है। दोनों क्षेत्रों की अपनी-अपनी विधानसभाएं हैं और तकनीकी रूप से ये पाकिस्तान संघ का हिस्सा नहीं हैं।

और पढ़ें: UNSC में इंडोनेशिया की अस्थायी सदस्यता पर भारत का क्या होगा रुख़

Source : News Nation Bureau

pakistan kashmir CPEC China silent on Gilgit Baltistan Order
      
Advertisment