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चीन का फिर मोहरा बना पाकिस्तान, अब अफगानिस्तान में घुसेगा ड्रैगन

सीपीईसी (चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) से जुड़े कर्ज की वजह से आने वाले वक्त में उसकी सैन्य निर्भरता चीन पर और ज्यादा बढ़ जाएगी.

Updated on: 30 Dec 2020, 07:40 AM

नई दिल्ली:

भारतीय वायु सेना के प्रमुख आर.के. भदौरिया ने कहा कि पाकिस्तान चीनी नीति में मोहरा बन रहा है और अमेरिकी सेनाओं के बाहर निकलने के बाद बीजिंग अफगानिस्तान में प्रवेश करने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकता है. एक वेबिनार के दौरान लद्दाख में चीन की आक्रामकता के पीछे के उद्देश्यों को समझाते हुए एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने कहा, चीन की नीति में पाकिस्तान तेजी से मोहरा बन गया है. सीपीईसी (चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) से जुड़े कर्ज की वजह से आने वाले वक्त में उसकी सैन्य निर्भरता चीन पर और ज्यादा बढ़ जाएगी.

वहीं अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों के जाने के बाद इस क्षेत्र में चीन के लिए पाकिस्तान के रास्ते के अलावा सीधे तौर पर भी दखल देने का रास्ता खुल गया है. इस सबके जरिए चीन अपने प्रभाव को बढ़ाना चाह रहा है. इस साल लद्दाख में चीनी आक्रामकता पर, उन्होंने कहा कि चीन इस क्षेत्र पर हावी होने की कोशिश कर रहा है. भारत और चीन के बीच लद्दाख में नौ महीने से गतिरोध बना हुआ है.

भदौरिया ने कहा कि चीन ने अपनी सेना भारी संख्या में एलएसी पर तैनात की है. उनके पास रडार, सतह से हवा में मिसाइल और सतह से हवा में वार करने वाली मिसाइल बड़ी संख्या में हैं. उनकी तैनाती मजबूत रही है तो हमने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर भारत और चीन के बीच संघर्ष किसी भी दृष्टिकोण से अच्छा नहीं है.

वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने चीन के तौर-तरीकों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि वैश्विक मोर्चे पर अनिश्चितताओं ने भी चीन को अपनी बढ़ती शक्ति का प्रदर्शन करने का मौका दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई स्थिति उत्पन्न होती है तो भारत को किसी भी दुस्साहस का मुकाबला करने के लिए प्रभावी क्षमता बनाए रखने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, हमारी पश्चिमी सीमा पाकिस्तान की स्थापना के बाद से सक्रिय है और अब नए मोर्चे एवं क्षेत्र भी सक्रिय हैं.