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फाइल फोटो: तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा
तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा के राष्ट्रपति भवन में प्रणब मुखर्जी से हुई मुलाकात को लेकर चीन ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है।
चीन ने कहा है कि भारत को चीन के मूल हितों का ध्यान रखना चाहिए। भारत के इस कदम से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर बुरा असर पड़ सकता है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मीडिया से कहा है कि चीन भारत के इस कदम से खुश नहीं है। इसके साथ ही चीन ने ये सवाल भी उठाए कि बच्चों के कार्यक्रम में राष्ट्रपति के दलाई लामा से मिलने का क्या मतलब है।
चीनी प्रवक्ता ने कहा दलाई लामा चीन से निष्कासित हैं और वो तिब्बत को चीन के अधिकार क्षेत्र से अलग करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। ऐसे शख्स को भारत का इतना महत्व देना सही नहीं है।
वहीं इस मुद्दे पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा है कि दलाई लामा बेहद सम्मानीय धर्म गुरु हैं और वो एक गैर राजनीतिक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं इससे कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
His Holiness the Dalai Lama is a respected spiritual leader. It was a non political event which he attended: Vikas Swarup, MEA
— ANI (@ANI_news) December 16, 2016
दलाई लामा को लेकर चीन उन देशों से भी खफा रहता है जो दलाई लामा को अपने देश में दौरे की अनुमती देते हैं। दलाई लामा को चीन काफी पहले अपने देश से निर्वासित कर चुका है। दलाई लामा को तिब्बत में लोग भगवान की तरह पूजते हैं।