Ladakh: LAC पर चीन ने लगाए 3 मोबाइल टॉवर, बसाए 624 हाईब्रिड गांव
चीन ने पैंगोंग झील (Pangong Lake) पर पुल का काम खत्म करने के बाद हॉट स्प्रिंग इलाके में ये तीन टावर लगाए हैं. ये जगह भारत के काफी करीब है. इससे पहले भी कई बार इसी तरह की खबरें सामने आ चुकी हैं.
highlights
- एलएसी के पास टॉवर लगा रहा चीन
- गांवों को बसाकर जासूसी का जाल बिछा रहा चीन
- भारतीय पार्षद ने किया चीनी टॉवरों का भंडाफोड़
नई दिल्ली:
भारत-चीन की तनातनी के बीच बड़ी खबर लद्दाख से आ रही है. यहां एलएसी के पार वो हाई पॉवर मोबाइल टॉवर लगा रहा है. हॉट स्प्रिंग इलाकों में उसने तीन मोबाइल टॉवर खड़े भी कर लिये हैं. ये मोबाइल टॉवर चीनी सेना को तो फायदा पहुंचाएंगे ही, उसकी जासूसी में भी बहुत सहायक सिद्ध होने वाले हैं. यही नहीं, चीन ने भारतीय सीमा से लगे इलाकों में अबतक 624 बाईब्रिड गांव भी बसा लिये हैं. इन गांवों में उन हानों को लाकर बसाया गया है, जो परिवार के साथ भले ही रहते हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर मिलिटरी ऑपरेशंस को भी अंजाम दे रहे हैं. इनमें से अधिकतर लोगों को सैन्य प्रशिक्षण और जासूसी के लिए भी जरूरी ट्रेनिंग मिली हुई है.
भारतीय पार्षद ने किया चीन का भंडाफोड़
ये तस्वीरें, लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद लेह के चुगुल से पार्षद कोंचोक स्टैंजिन ने शेयर की हैं. जानकारी के मुताबिक, चीन ने पैंगोंग झील (Pangong Lake) पर पुल का काम खत्म करने के बाद हॉट स्प्रिंग इलाके में ये तीन टावर लगाए हैं. ये जगह भारत के काफी करीब है. इससे पहले भी कई बार इसी तरह की खबरें सामने आ चुकी हैं. दरअसल चुशुल विर्नाचन क्षेत्र एलएसी से सटा हुआ है, जहां चीन जो भी हरकतें करता है, वो स्थानीय ग्रामीणों को नजर आ जाती हैं.
पार्षद ने सरकार से पूछे सवाल, हमारा कब होगा विकास?
कोंचोक स्टैंजिन ने तस्वीरें शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा है, ‘पैंगोंग झील पर पुल बनाने का काम पूरा हो गया है, चीन ने चीनी हॉट स्प्रिंग के पास, भारतीय क्षेत्र के बेहद करीब तीन मोबाइल टावर लगाए हैं. क्या ये चिंता की बात नहीं है? जहां लोग रहते हैं, उन गांवों में हमारे पास 4जी सुविधाएं भी नहीं हैं. मेरे निर्वाचन क्षेत्र में 11 गावों में 4जी सुविधा नहीं है.’ इस इलाके से पैंगोंग झील के उस पार चीन की गतिविधियां सामने नजर आती हैं.
शी जिंनपिंग के आदेश पर हाईब्रिड गांव
लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक एलएसी के पार चीन ने 624 हाईब्रिड गांव बसाए हैं. ये गांव पूरी सुख सुविधा से लैस हैं. कुछ गांवों की तस्वीरें भी आ चुकी हैं. इन गांवों को बसाने का फायदा ये है कि अगर भारतीय सेना चीनी सेना को रौंदते हुए आगे बढ़ेगी, तो चीनी ग्रामीण उनके रास्ते में आ जाएगी. ये ग्रामीण सैन्य प्रशिक्षण पाए हुए हैं. लेकिन भारतीय सेना अगर इन पर हमले करेगी, तो चीन इंटरनेशनल लेवर पर मानवाधिकारों का मुद्दा उठा कर भारत पर दबाव बना सकता है. वहीं, ये गांव चीन के लिए जासूसी के अड्डे हो चले हैं. इसके बारे में चीनी सरकार ने अपने दस्तावेजों में इस बात का खुलासा किया था कि कुल 624 गांव बनाए जाएंगे. वहीं रक्षा विशेषज्ञ ब्राह्मा चेलानी के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने चीन की सरकारी वेबसाइट तिब्बत डॉट कॉम के हवाले से बताया है कि चीन की सरकार ने 2021 में गांव बनाने का काम पूरा कर लिया है. इन गांवों में बिजली, इंटरनेट, पानी और मजबूत सड़क जैसी सुख-सुविधाएं दी जा रही हैं.
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