ड्रैगन ने बदली चाल, कश्मीर समस्या को सुलझाने के लिए आगे आयेगा चीन
कश्मीर समस्या को लेकर चीन कहता रहा है कि दोनों को आपसी बातचीत के जरिए सुलझाना चाहिए।
नई दिल्ली:
भारत पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे को लेकर मध्यस्थता की इच्छा जताई है। अभी तक चीन इस समस्या को लेकर कहता रहा है कि दोनों को आपसी बातचीत के जरिए सुलझाना चाहिए।
पाक अधिकृत कश्मीर से गुजरने वाले आर्थिक गलियारे को लेकर चीन ने करीब 50 अरब डॉलर (करीब 3210 अरब रुपये) का निवेश किया है। यही कारण है कि इतने भारी-भरकम निवेश के बीजिंग को कश्मीर के मुद्दे पर अपना रुख बदलना पड़ा।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि इस क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभाने में चीन के अप्रत्यक्ष हित हैं। चीन ने अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने के सिद्धांत का हमेशा पालन किया है।
ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि चीन के इस प्रयास का यह मतलब नहीं है कि विदेशों में अपने निवेश की सुरक्षा और चीनी उद्यमों की मांगों पर वह ध्यान नहीं देगा।
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चीन इस गलियारे का निर्माण भारत की आपत्तियों को दरकिनार करके कर रहा है। अखबार ने कहा है कि वन बेल्ट, वन रोड में आने वाले देशों में चीन ने भारी निवेश किया है।
क्या है सीपीईसी?
पाक अधिकृत कश्मीर से गुजरने वाला चीन-पाक आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) चीन के शिनजियांग को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ेगा। इस इलाके में चीनी सेना की मौजूदगी की खबरें भी कई बार आ चुकी है।
हालांकि चीन का दावा है कि मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए उसके सैनिक यहां जाते हैं। बीते महीने पहली बार चीनी सेना ने पाकिस्तान डे परेड में भी हिस्सा लिया था।
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