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आक्रामक चीन 13वें दौर की वार्ता में फिर अड़ा, भारत पर दोष मढ़ डाली जिम्मेदारी

13वें दौर की सैन्य बातचीत पर भारत (India) की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया सोमवार सुबह आई, लेकिन चीन (China) ने अपने मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में पहले ही अपना जहरीला रुख जाहिर कर दिया.

Updated on: 11 Oct 2021, 09:12 AM

highlights

  • ग्लोबल टाइम्स ने सोमवार को भारत को किया कठघरे में खड़ा
  • भारत पर ईमानदार कोशिश और बातचीत नहीं करने का आरोप
  • भारत ने चीन पर पीपी-15 को लेकर अड़ियल रवैया छोड़ने को कहा 

नई दिल्ली:

बीते साल पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हुए हिंसक संघर्ष के बाद भारत-चीन के बीच रिश्ते सामान्य बनाने के लिए रविवार को 13वें दौर की सैन्य बातचीत संपन्न हुई. इस बातचीत पर भारत (India) की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया सोमवार सुबह आई, लेकिन चीन (China) ने अपने मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में पहले ही अपना जहरीला रुख जाहिर कर दिया. ग्लोबल टाइम्स ने उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली तर्ज पर टकराव का समाधान नहीं निकलने दोष मढ़ते हुए कहा कि भारत की अनुचित मांगों से बातचीत में मुश्किलें खड़ी हो रही हैं. यह अलग बात है कि सोमवार को जारी आधिकारिक बयान में भारत ने चीन पर द्विपक्षीय समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया है. भारत ने कहा है कि एलएसी पर शांति बहाली के लिए वेस्टर्न कमांड में पूर्व की स्थिति बहाल करे. 

चीन ने सारी जिम्मेदारी डाली भारत पर
बीजिंग प्रशासन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने पीएलए के वेस्टर्न थिएटर कमांड के हवाले से सोमवार सुबह एक ट्वीट किया. इसमें कहा गया, 'चीन और भारत के बीच रविवार को 13वें दौर की कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई. भारत अनुचित और अवास्तविक मांगों पर जोर दे रहा है, जिससे बातचीत में मुश्किलें आ रही हैं.' यही नहीं, आगे कहा गया, 'चीन को उम्मीद है कि भारतीय पक्ष स्थिति का गलत आकलन नहीं करेगा. सीमावर्ती क्षेत्रों में कठिन स्थिति को संभालेगा. प्रासंगिक समझौतों का पालन करेगा और दो देशों व दो सेनाएं के बीच ईमानदारी के साथ कदम बढ़ाएगा. साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता की रक्षा के लिए चीन के साथ मिलकर काम करेगा.'

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भारत ने कहा चीन कुछ मसलों पर नहीं राजी
हालांकि भारत की ओर से सोमवार को जारी बयान में कहा गया, 'पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर शांति और स्थिरता लाने के लिए चीन को ही कदम उठाने होंगे. दुशांबे में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बैठक के अनुरूप ही जल्द से जल्द परस्पर विवादित मसलों का समाधान खोजना होगा.' इसके साथ ही भारतीय पक्ष ने स्पष्ट किया है कि शेष इलाकों में इसी भावना के साथ काम करने से ही द्विपक्षीय संबंधों में किसी प्रगति की कोई उम्मीद की जा सकती है. बयान में कहा है कि भारत ने अन्य इलाकों के लिए सकारात्मक सुझाव दिए, लेकिन चीन इन पर राजी नहीं है. साथ ही चीन ने आगे के लिए भी कोई ठोस सुझाव नहीं दिया है. इस लिहाज से अन्य इलाकों को लेकर बातचीत में कोई पहल नहीं हो सकी. हालांकि दोनों ही पक्ष जमीनी स्तर पर स्थिरता और बातचीत के जारी रखने पर सहमत हैं. 

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साढ़े 8 घंटे तक चली रविवार को बातचीत
सूत्रों के मुताबिक रविवार को संपन्न कोर कमांडर की बैठक में पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 (पीपी-15) से सैनिकों की वापसी की रुकी हुई प्रक्रिया को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया. बातचीत सुबह करीब 10:30 बजे शुरू हुई और शाम सात बजे तक चली. इसके पहले दोनों देशों के बीच करीब दो महीने पहले बातचीत हुई थी. उसके बाद ही पेट्रोलिंग प्वाइंट-17ए यानी गोगरा से सैनिकों की वापसी हुई थी. भारत चाह रहा है कि देप्सांग समेत टकराव के सभी बिंदुओं पर लंबित मुद्दों का समाधान शीघ्र ही निकाला जाए. हालांकि चीनी सैनिकों की ओर से घुसपैठ की दो कोशिशों से बातचीत में भी थोड़ा तनाव पनपा है. गौरतलब है कि उत्तराखंड के बाराहोती सेक्टर और अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी घुसपैठ का मामला सामने आया था.