शर्मनाकः बच्चों के स्वस्थ एवं खुशहाल जीवन के मामले में भारत 131वें स्थान पर

बच्चों की उत्तर जीविता, पालन-पोषण तथा खुशहाली से संबंधित सूचकांक (Flourishing Index) में उसका स्थान 131वां है.

बच्चों की उत्तर जीविता, पालन-पोषण तथा खुशहाली से संबंधित सूचकांक (Flourishing Index) में उसका स्थान 131वां है.

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Nihar Saxena
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शर्मनाकः बच्चों के स्वस्थ एवं खुशहाल जीवन के मामले में भारत 131वें स्थान पर

सांकेतिक चित्र( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) समर्थित एक रिपोर्ट आई है जिसके मुताबिक संवहनीयता सूचकांक (Sustainability Index) के मामले में भारत 77वें स्थान पर है और बच्चों की उत्तर जीविता, पालन-पोषण तथा खुशहाली से संबंधित सूचकांक (Flourishing Index) में उसका स्थान 131वां है. संवहनीयता सूचकांक प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emissions) से जुड़ा है जबकि खुशहाली सूचकांक (Happyness Index) का संबंध किसी भी राष्ट्र में मां-बच्चे की उत्तर जीविता, पलने, बढ़ने तथा उसके कल्याण से है. दुनियाभर के 40 से अधिक बाल एवं किशोर स्वास्थ्य विशेषज्ञों के एक आयोग ने बुधवार को रिपोर्ट जारी की है.

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180 देशों में सर्वेक्षण
यह शोध विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), संरा बाल कोष (Unicef) तथा दी लांसेट (The Lancet) मेडिकल जर्नल के संयुक्त तत्वावधान में हुआ है. रिपोर्ट में 180 देशों की क्षमता का आकलन किया गया है कि वे यह सुनिश्चित कर पाते हैं या नहीं कि उनके यहां के बच्चे पलें-बढ़ें और खुशहाल रहें. रिपोर्ट के मुताबिक संवहनीयता सूचकांक के मामले में भारत का स्थान 77वां और खुशहाली के मामले में 131वां है. खुशहाली सूचकांक में आता है माता एवं पांच साल से कम आयु के बच्चों की उत्तर जीविता, आत्महत्या दर, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सुविधा, बुनियादी साफ-सफाई और भीषण गरीबी से मुक्ति तथा बच्चे का फलना-फूलना आदि.

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बच्चों के लिए दुनिया का रवैया लचर
इसमें कहा गया कि विश्व की संवहनीयता बच्चों के फलने-फूलने की क्षमता पर निर्भर करती है लेकिन कोई भी देश अपने नौनिहालों को टिकाऊ भविष्य देने के पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहा है. रिपोर्ट के अग्रणी शोधकर्ताओं में से एक यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में विश्व स्वास्थ्य एवं संवहनीयता के प्रोफेसर एंथनी कोटेलो ने कहा, 'दुनिया का कोई भी देश ऐसी परिस्थितियां मुहैया नहीं करवा रहा है जो हर बच्चे के विकसित होने और स्वस्थ्य भविष्य के लिए आवश्यक है.' उन्होंने कहा, 'बल्कि उन्हें तो जलवायु परिवर्तन तथा व्यावसायिक मार्केटिंग का सीधे-सीधे खतरा है.'

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नॉर्वे पहले स्थान पर
उत्तर जीविता, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं पोषण दरों के मामलों में नॉर्वे पहले स्थान पर है. इसके बाद दक्षिण कोरिया, नीदरलैंड, मध्य अफ्रीकी गणराज्य और चाड है. हालांकि प्रतिव्यक्ति कार्बन उत्सर्जन के मामले में चाड को छोड़कर बाकी के ये देश बहुत पीछे हैं. जो देश 2030 के प्रतिव्यक्ति कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य के मुताबिक चल रहे हैं वे हैं अल्बानिया, आर्मेनिया, ग्रेंडा, जॉर्डन, मोलदोवा, श्रीलंका, ट्यूनीशिया, उरुग्वे तथा वियतनाम.

HIGHLIGHTS

  • सस्टेनेबिलीटी इंडेक्स के मामले में भारत 77वें स्थान पर.
  • बच्चों के पालन-पोषण तथा खुशहाली में 131वां स्थान है.
  • स्वास्थ्य, शिक्षा एवं पोषण में नॉर्वे पहले स्थान पर.
United Nations Sustainability Index Happyness Index
      
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